बलरामपुर। आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर गत दिवस कृषि विज्ञान केंद्र बलरामपुर में कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र, जिला विपणन अधिकारी, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित एवं पारादीप फास्फेट लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय कार्यशाला का उर्वरक में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के संबंध में कृषकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजप किया गया। प्रशिक्षण में जिले के 80 कृषक शामिल हुए। प्रशिक्षण में उप संचालक कृषि प्रदीप कुमार एक्का के द्वारा प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताते हुए उर्वरक में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से होने वाले लाभ के संबंध में जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.व्ही0एन0 गौतम ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषक खेती किसानी से जुड़े किसी भी समस्या का समाधान जैसे फलों की खेती, कीट एवं रोग प्रबंधन, उद्यानिकी फसलों की खेती तथा मृदा जल संरक्षण तथा अन्य समस्याओं का निराकरण कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा कराने का सुझाव दिया गया। पारादीप फास्फेट्स लिमिटेड के क्षेत्रीय प्रबंधक अतुल पांडे के द्वारा किसानों को जानकारी दिया गया कि उर्वरक की पूर्ति भारत सरकार द्वारा राज्य सरकारों तथा जिला स्तर के थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को किस प्रकार उपलब्ध कराया जाता है व उर्वरक विक्रेताओं द्वारा किसानों को उर्वरक में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के संबंध में पॉस मशीन के द्वारा किस प्रकार उर्वरक का क्रय किया जाता है की जानकारी दी गई। पारादीप फास्फेट लिमिटेड के मार्केटिंग मैनेजर दिनेश नामदेव के द्वारा उर्वरक में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के अंतर्गत पॉस मशीन का संचालन करने के तरीके को प्रायोगिक रूप से किसानों को बताया गया। साथ ही उर्वरक खरीदते समय आधार कार्ड का उपयोग अनिवार्य रूप से करने एवं पॉस मशीन की पावती मैसेज का सत्यापन करने हेतु कहा गया। उन्होंने किसानों को उर्वरक पोर्टल में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के संबंध डैशबोर्ड का उपयोग कर किसान कॉर्नर के द्वारा उर्वरक की उपलब्धता की वास्तविक जानकारी उर्वरक पोर्टल डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट उर्वरक डॉट एनआईसी डॉट इन में होने की जानकारी दी गई। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक पांडू राम पैकरा के द्वारा किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड एवं फसलों में उर्वरक की संतुलित उपयोग के बारे में विस्तार से जानकारी तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों के उपयोग करने की सलाह दी गई।