[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”Listen to Post”]

बलरामपुर। छत्तीसगढ़ झारखण्ड सीमा पर आरटीओ बेरियर में भारी वाहनो ही नहीं स्कूल बसों व बंजारा लोगों से भी अब अवैध उगाही शुरू हो गया है। इसके लिए यहां आरटीओ के अफसरों ने आठ दस गुंडा किस्म के लोगों को ड्यूटी में लगा रखा है जिनका आरटीओ से कोई संबंध नहीं है। इससे आम लोगों के बीच सरकार की छवि खराब हो रही है तो उगाही की भरपाई के लिए ट्रक चालक ओवलोड वाहन चला रहे हैं ताकि भाड़ा वसूल हो सके।


चार दिन पहले रामानुजगंज आरटीओ चेकपोस्ट में झारखंड के एक स्कूल के बच्चे रामानुजगंज के पर्यटन स्थल में घूमने आ रहे थे, जैसे ही उनकी बस चेकपोस्ट में पहुंची उनकी बस को रोक लिया गया, इसके बाद उनसे हजार हजार रुपए लेने के बाद बस को जाने दिया गया। जबकि वे कहते रहे कि उनकी बसों के सभी दस्तावेज हैं और वे बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण के लिए घुमाने ले जा रहे हैं। उन्हें पैसे लेने के बाद कोई रसीद नहीं दिया गया। इसी तरह 27 दिसम्बर को 10 बजे के करीब छत्तीसगढ़ से दो पिकअप वाहन में बंजारा जनजाति के लोग झारखण्ड जा रहे थे उन्हें गाली देते हुए चेकपोस्ट में अवैध तरीके से ड्यूटी में रखे गए लोगों ने रोका और डेढ़ डेढ़ हजार मांगने लगे, इससे बांजरा लोग रोने लगे और काफ़ी मन्नत के बाद उनसे 250-250 रुपए लेने के बाद झारखण्ड जाने दिया गया।

आरटीओ चेकपोस्ट बना भ्रष्टाचार और अवैध उगाही का गढ़

देशभर में आरटीओ चेकपोस्ट में भ्रष्टाचार और अवैध उगाही की खबर के बाद सरकार ने सभी चेकपोस्ट को बंद करा दिया था। इसके बाद प्रदेश में काँग्रेस की सरकार आई तो कोर्ट के आदेश के फैसले के बाद चेकपोस्ट फिर से शुरू हो गया, इसके बाद से निजी ट्रांसपोर्टर और उनके संगठन उगाही की लगातार शिकायत कर रहे हैं लेकिन कार्यवाही नहीं होने से ट्रांसपोर्ट महंगा हो गया है जिसका असर महंगाई के रूप में आम आदमी की जिंदगी में भी पड़ रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
बलरामपुर आरटीओ एसएन लकड़ा का कहना है कि आरटीओ प्रदेश मुख्यालय से संचालित है, हमारा कोई नहीं सुनता। फिर भी बता रहे हैं तो ऐसा न हो इसमें सुधार के लिए कहा जाएगा।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!