[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”Listen to Post”]
भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शुक्रवार को मुद्दा किसानों का था, लेकिन सुर्खियों में सियासत आ गई. दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को एक दिन पहले मुलाकात का समय देने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक रद्द कर दी, नाराज़ दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री आवास पर धरने के लिए निकले, लेकिन पुलिस ने दूरदर्शन केंद्र के बाहर बैरिकेडिंग करके उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया. इस पर दिग्विजय सिंह वहीं धरने पर बैठ गए. उनके साथ बैठे समर्थकों ने रामधुन का पाठ शुरू कर दिया. इसी दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी वहां पहुंच गए. अब ऐसे में सुर्खियों में दिग्विजय सिंह की धरने की तस्वीर, शिवराज-कमलनाथ की मुलाकात और दिग्विजय-कमलनाथ के धरने पर बैठने की तस्वीरें ही आएंगी, हालांकि सामने किसानों की तकलीफ आनी चाहिए. टेम और सुठालिया सिंचाई परियोजना से भोपाल, विदिशा, गुना और राजगढ़ जिले में हजारों हैक्टेयर जमीन डूब क्षेत्र में आ रही है. सरकार कहती है इससे कई एकड़ जमीन सिंचित होगी. किसानों का कहना है कि खुले बाजार में जमीन 12-18 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर तक है, सरकार आधे भी नहीं दे रही. लटेरी के शंकर दयाराम ज़मीन का नक्शा दिखाते हुए कहते हैं कि मेरी ज़मीन 77 नंबर की है, आसपास सब डूब में है, मेरा नहीं है, दूसरों को मुआवजा मिल गया लेकिन मुझे कुछ नहीं मिला. वहीं बलराम कहते हैं 2 लाख का बीघा बता रहे हैं, आरोप लगा रहे हैं कि अधिकारी जबर्दस्ती करते हैं ज़मीन की नपती में. बैरागढ़ के ही हरी सिंह कहते हैं सर्वे हो गए, ना तो हमें मुआवजा मिल रहा है, ना हमारी कुटी ( प्रधानमंत्री आवास) है, ना ही शौचालय मिला है. दिग्विजय सिंह का कहना है इन्हीं किसानों को लेकर वो डेढ़ महीने से मुख्यमंत्री से मिलना चाहते थे, वो मुलाकात का ब्योरा भी दिखाते हैं और ये भी कहते हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने वक्त देकर, वक्त ले लिया. उन्होंने बताया कि 18 तारीख की रात को 11:45 बजे मुख्यमंत्री निवास से प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने उन्हें फोन पर जानकारी दी कि मुख्यमंत्री ने 21 जनवरी को सुबह 11:15 बजे मुलाकात का समय दिया है. उसके बाद 20 जनवरी को मुख्यमंत्री निवास से मेरे कार्यालय में फोन पर मुख्यमंत्री के व्यस्त होने की जानकारी देते हुए मुलाकात का समय निरस्त करने की जानकारी दी गई.