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रायपुर। गड़बो नवा छत्तीसगढ़ की कहावत तो सभी ने सुनी है मगर क्या मालूम कि छत्तीसगढ़ कर्ज में डूबता जाएगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले तीन साल में 51 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज लिया है। अब सरकार पर ऋण भार अनुमानित राजस्व आय का 106% हो गया है। मतलब, जितनी आय संभावित है उससे कहीं अधिक कर्ज है। बजट 2021-22 के मुताबिक प्रदेश में 79 हजार 325 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियां अनुमानित हैं। कर्ज की यह मात्रा छत्तीसगढ़ के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 22% होता है।
छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के सवाल के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि दिसम्बर 2018 से 24 नवम्बर 2021 तक सरकार ने 51 हजार 335 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। यह कर्ज भारतीय रिजर्व बैंक की उधारी है। नाबार्ड से लिया गया और केंद्र सरकार ने उपलब्ध कराया है। हालात ऐसे हैं कि सरकार को हर साल करीब 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक का केवल ब्याज चुकाना पड़ रहा है। विधानसभा में दिए गए उत्तर के मुताबिक सरकार ने दिसम्बर 2018 से मार्च 2019 तक ब्याज के रूप में विभिन्न वित्तीय संस्थाओं को 1771 करोड़ 94 लाख रुपए का भुगतान किया। वहीं 590 करोड़ 64 लाख रुपए मूलधन के दिए। अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक ब्याज के तौर पर 4 हजार 970 करोड़ 34 लाख रुपए का भुगतान हुआ। वहीं 2 हजार 36 करोड़ 36 लाख रुपए मूलधन के तौर पर देने पड़े। अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक 5 हजार 633 करोड़ 11 लाख ब्याज और 3 हजार 993 करोड़ 77 लाख रुपए मूलधन के तौर पर वित्तीय संस्थानों को देने पड़े हैं। इस साल एक अप्रैल से 24 नवम्बर तक की अवधि में 3 हजार 101 करोड़ 60 रुपए का ब्याज और 2 हजार 109 करोड़ 25 लाख रुपए का मूलधन चुकाया जा चुका है। सरकार ने बताया है, अब छत्तीसगढ़ पर कर्ज भार GDP का 22% और राजस्व का 106% हो चुका है।
पिछली सरकार ने 41 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ा था
भूपेश बघेल ने 17 दिसम्बर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। 16 दिसम्बर 2018 की स्थिति में सरकार पर 41 हजार 695 करोड़ रुपए का कर्ज था। 15 नवम्बर 2020 की स्थिति में सरकार का कर्ज बढ़कर 66 हजार 968 करोड़ रुपए पहुंच गया। इस साल यह कर्ज और बढ़ा है।
इसी साल 9,729 करोड़ का कर्ज लिया
भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री की ओर से बताया गया, इस साल अब तक 9 हजार 729 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा चुका है। इसमें 4 हजार 965 करोड़ रुपए केंद्र सरकार की ओर से GST ऋण के तौर पर दिया गया है। वहीं 282 करोड़ रुपए विशेष सहायता के तौर पर मिला है।