[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”Listen to Post”]

नई दिल्ली, एएनआइ एजेंसी। मध्यप्रदेश से एक अनोखा मामला सामने आया है। एक पति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा इसलिए खटखटाया है कि उसकी पत्नी एक महिला नहीं मर्द है। पति ने एक याचिका में कोर्ट से गुहार लगाते हुए कहा कि उसके साथ धोखा हुआ है, क्योंकि उसकी शादी पत्नी के मर्द होने की बात छुपाकर की गई है। पति ने कहा कि उसकी पत्नी का प्राइवेट पार्ट पुरुषों की तरह हैं और इसलिए वह उसके साथ नहीं रह सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने पत्नी को नोटिस भेज मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ग्वालियर के उस व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई के लिए अब सहमत हो गया है जिसने तलाक के लिए याचिका डाली है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच ने मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद शुक्रवार को पत्नी से पति की याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है। अदालत ने कहा, याचिकाकर्ता के वकील ने हमारा ध्यान अन्य बातों के साथ-साथ इस पर आकर्षित किया है कि प्रतिवादी का चिकित्सा इतिहास “लिंग + इम्परफोरेट हाइमन” दिखाता है, इसलिए प्रतिवादी महिला नहीं है। कोर्ट ने इसके बाद नोटिस का जवाब चार सप्ताह में देने को कहा है।
हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी अपील
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले पति ने हाईकोर्ट में भी इस मामले को उठाया था। उस वक्त हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश के जारी रखते हुए शिकायत को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने इस आधार पर मामला खारिज किया था कि केवल मौखिक साक्ष्य के आधार पर और बिना किसी चिकित्सीय साक्ष्य के ये कोई अपराध नहीं बनता है। इसके बाद जब पति इस फैसले से संतुष्ट नहीं हुआ तो उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
पत्नी के शारीरिक संबंध नहीं बनाने पर हुआ खुलासा
अधिवक्ता प्रवीण स्वरूप के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि पुरुष और महिला की शादी जुलाई 2016 में हुई थी। याचिका में कहा गया है कि शादी के बाद, पत्नी ने कुछ दिनों तक इस बहाने से शारीरिक संबंध नहीं बनाया कि वह मासिक धर्म से गुजर रही है और उसके बाद उसने वैवाहिक घर छोड़ दिया और 6 दिनों की अवधि के बाद लौटी। याचिका में यह भी कहा गया है कि बाद में जब पति ने फिर से शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की तो उन्होंने पत्नी में एक लिंग पाया। इसके बाद याचिकाकर्ता अपनी पत्नी को मेडिकल चेक-अप के लिए ले गया, जहां यह पता चला कि उसे ‘इम्परफोरेट हाइमन’ नामक एक चिकित्सा समस्या है।
डाक्टर ने कहा महिला का गर्भवती होना असंभव
याचिका में आगे उल्लेख किया गया है कि महिला को सर्जरी से गुजरने की सलाह दी गई थी, लेकिन डाक्टर ने याचिकाकर्ता से यह भी कहा कि भले ही सर्जरी के माध्यम से महिला का अंग जोड़ दिया जाए, लेकिन उसके गर्भवती होने की संभावना लगभग असंभव है। इस मेडिकल जांच के बाद याचिकाकर्ता ने खुद को ठगा हुआ महसूस किया और अपनी पत्नी के पिता को फोन कर अपनी बेटी को वापस लेने के लिए कहा। याचिका के मुताबिक, महिला के पिता ने कथित तौर पर जबरन आदमी के घर में घुसकर उसे पत्नी को घर पर रखने की धमकी दी।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!