नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के गढ़ गोरखपुर में रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी 9650 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं को समर्पित करेंगे। पीएम खाद कारखाने, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) की नौ बीएसल-टू प्लस लैब का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद वे एक जनसभा को संबोधित करेंगे। पीएम की रैली में चार लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है।गोरखपुर में एम्स न केवल उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के जिलों बल्कि पड़ोसी बिहार और यहां तक कि नेपाल के लोगों को भी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराएगा। पीएमओ के बयान के मुताबिक, एम्स को 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। परिसर की आधारशिला प्रधानमंत्री द्वारा 22 जुलाई 2016 को रखी गई थी। इसकी स्थापना प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत की गई है। गोरखपुर एम्स में सुविधाओं में 750 बिस्तरों वाला अस्पताल, मेडिकल कालेज, नर्सिंग कालेज, आयुष भवन, सभी कर्मचारियों के लिए आवास, यूजी और पीजी छात्रों के लिए छात्रावास आवास आदि शामिल हैं।पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 15 अगस्त, 2003 को स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाइ) के तहत नई दिल्ली की तर्ज पर आधुनिक सुविधाओं के साथ छह नए एम्स अस्पतालों की घोषणा की थी। इन्हें भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश में स्थापित किया गया था। पिछले सात सालों में देश के अलग-अलग हिस्सों में 15 एम्स की स्थापना की घोषणा के जरिए पीएम मोदी ने पूर्व प्रधान मंत्री के इस विजन को एक कदम और आगे बढ़ाया है।प्रधानमंत्री गोरखपुर उर्वरक संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिसकी आधारशिला उन्होंने 22 जुलाई, 2016 को रखी थी। 30 से अधिक वर्षों से बंद पड़े कारखाने को लगभग 8,600 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्जीवित किया गया है। गोरखपुर संयंत्र प्रति वर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन स्वदेशी नीम लेपित यूरिया उत्पादन उपलब्ध कराएगा। यूरिया उर्वरक की मांग पूरी होने से पूर्वांचल क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों के किसानों को मदद मिलेगी। बयान में कहा गया है कि यह क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। लोकसभा चुनाव 2014 से पहले गोरखपुर में एक रैली में पीएम मोदी ने बंद गोरखपुर उर्वरक संयंत्र का मुद्दा उठाया था।प्रधानमंत्री आइसीएमआर-क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी), गोरखपुर के नए भवन का भी उद्घाटन करेंगे। इस क्षेत्र में जापानी इंसेफेलाइटिस / एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की चुनौती से निपटने में केंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।