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बलरामपुर। जिला बलरामपुर-रामानुजगंज मध्य भारत में छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तरी भाग में स्थित है। यह पहले सरगुजा जिला में था। 17 जनवरी 2012 को अस्तित्व में आया था। बलरामपुर-रामानुजगंज की सीमाएं उत्तर प्रदेश, झारखंड व मध्य प्रदेश के साथ साझा करता है। लगभग 60.16 लाख हेक्टेयर भूमि क्षेत्र में फैला हुआ है। पहाड़ी और घनी जंगली इलाकों में घनदाट पर्वत श्रेणियों के जिले के एक बड़े हिस्से को कवर करता है। यहां धान, मक्का मूंगफली,गेहूं व चना जिले के कुछ सिंचाई वाले भागों में करते हैं।
बलरामपुर जिले की जलवायु उत्तरी पहाड़ियों कृषि जलवायु क्षेत्र का एक हिस्सा है | मौसम के दौरान गर्म, और अच्छी तरह से वितरित वर्षा (औसत 125 सेमी) द्वारा यहां की विशेषता है। जिला में 7,30,491 व्यक्तियों की कुल आबादी एक लिंग अनुपात प्रति हजार पुरुषों 973 महिलाओं के साथ है। यहां लगभग 63% अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या शामिल हैं जबकि अनुसूचित जाति की कुल जनसंख्या का सिर्फ 4.5% के समावेश के साथ एक आदिवासी प्रधान जिला है। पहाड़ी कोरवा, गोड़, खैरवार, कंवर व पंडो जिले में रहने वाले प्रमुख आदिवासी निवासरत हैं।संस्कृति और परंपरागत लोगों द्वारा आदिवासी विश्वासों और प्रथाओं का अनुसरण किया जा रहा है जैसे कर्मा व छठ पूजा प्रमुख आदिवासी त्यौहार जैसे दिवाली, होली व जिले के एक बड़े आबादी बहुमत से मकर संक्रांति त्यौहार मनाया जाता हैं। तातापानी महोत्सव मुख्य पर्यटक आकर्षण का केंद्र रहा हैं।
जिला बलरामपुर की स्थापना 1 जनवरी 2012 मुख्यालय बलरामपुर। मातृ जिला सरगुजा क्षेत्रफल 6016 वर्ग किलोमीटर, जनसंख्या 730491,तहसील वाड्रफनगर, रामचंद्रपुर, बलरामपुर, राजपुर, शंकरगढ़, कुसमी। विकासखण्ड वाड्रफनगर, रामचंद्रपुर, बलरामपुर, राजपुर,शंकरगढ़, कुसमी।जनपद पंचायत छह। यहां जनजातियां गोंड़, उराव, कोरवा, पण्डो, नगेशिया, बैगा। पर्यटन तातापानी, सेमरसोत अभ्यारण्य, तमोर पिंगला अभ्यारण्य, भेड़िया पत्थर, बैनगंगा, अर्जुनगढ़ की गुफा, झरिया जलप्रपात। पर्यटन पवई जलप्रपात यह झरना सेमरसोत अभयारण्य में चनान नदी पर स्थित है। यह 100 फीट की ऊंचाई से गिरता है। तातापानी बलरामपुर जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित है तातापानी जो प्राकृतिक रूप से निकलते गरम पानी के लिए प्रदेशभर में प्रसिद्ध है। यहां के कुण्डों व झरनों में धरातल से बारह माह गरम पानी प्रवाह करता रहता है। डीपाडीह अम्बिकापुर से कुसमी मार्ग पर 75 कि.मी. दूरी पर डीपाडीह नामक स्थान है। डीपाडीह के आसपास के क्षेत्रों में 8वीं से 14वीं शताब्दी के शैव एवं शाक्य संप्रदाय के पुरातात्विक अवशेष बिखरे हुए हैं। अर्जुनगढ यह शंकरगढ़ विकासखंड के जोकापाट के बीहड़ जंगल में स्थित है। एक स्थान पर प्राचीन लंबी ईटों का घेराव है। इस स्थान के नीचे गहरी खाई है, जहां से एक झरना बहता है। इस पहाड़ी क्षेत्र में एक गुफा है जिसे धिरिया लता गुफा के नाम से जाना जाता है। तातापानी महोत्सव 12 जनवरी से 15 जनवरी तक बलरामपुर जिले के रामानुजगंज मे आयोजित किया जाता है।