[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”Listen to Post”]
बलरामपुर। राजपुर ब्लाक के धंधापुर के लोधीडांड मुहल्ला में 100 से अधिक परिवार हैं लेकिन यहां के किसी परिवार का नाम 2011 के सर्वे में नाम नहीं होने से कई परिवारों का राशन कार्ड नहीं बन पाया है। इन्हीं में एक हैं शंकर यादव जिनके पत्नी विमला के नाम पर 2015 तक राशन कार्ड था उसके बाद उनका राशन कार्ड बिना बताये निरस्त कर दिया गया और पांच साल से राशन कार्ड बनवाने चक्कर लगा रहे हैं। वे कई बार इसके लिए आवेदन भी जमा कर चुके हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। उनका राशन कार्ड इसके कारण नहीं बन रहा क्योंकि 2011 के सर्वे सूची में उनका नाम अलग परिवार के रूप में नहीं है जबकि उनके चार बच्चे हैं, इसमें तीन स्कूल जाते हैं लेकिन वह कहता है कि खेती भी अधिक नहीं है, मवेशी चराकर बच्चों क़ो आगे कैसे पढ़ा पायेगा, इसे लेकर चिंतित है। वे 20 रुपए किलो में चावल खरीदकर खाने क़ो मजबूर हैं। उनका कहना हैं कि जिन्हें चावल की जरूरत नहीं उन्हें सरकार चावल दे रही है लेकिन जिसे जरूरत है उन्हें नहीं दे रहे है।