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बलरामपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर द्वारा दिये गये निर्देश के पालन में तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी के मार्गदर्शन में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रफुल्ल कुमार सोनवानी द्वारा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर रामानुजगंज में विधिक जागरूकता शिविर का अयोजन किया गया। श्री सोनवानी के द्वारा समस्त छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए आत्मरक्षा के बारे में बताया गया। आत्मरक्षा अर्थात् खुद की रक्षा करना, आत्मरक्षा करते समय व्यक्ति सामने वाले को पीट भी सकता है या फिर किसी की जान भी ले सकता है, लेकिन यदि हमारे पास सबूत है कि यह सब आत्मरक्षा के दौरान हुआ है तो वह दण्डनीय नहीं है। हर व्यक्ति को अपने अधिकार के प्रति जागरूक रहना चाहिए। आत्मरक्षा का अधिकार जगह और परिस्थिति पर निर्भर करता है। अपनी खुद की रक्षा करना हर व्यक्ति को आना चाहिए, लेकिन किसी भी व्यक्ति को आत्मरक्षा के अधिकार का गलत फायदा नहीं उठाना चाहिए। साथ ही श्री सोनवानी के द्वारा उपस्थित छात्र-छात्राओं को सामानता का अधिकार, शिक्षा के अधिकार अधिनियम, पॉक्सो एक्ट, गुड टच एवं बैड टच, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, नवीन मोटरयान अधिनियम, घरेलु हिंसा के संबंध में जानकारी देते हुए कानूनी प्रावधानों के संबंध में चर्चा की गयी। छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु एवं आगे बढ़ने हेतु प्रेरित किया गया तथा समय का सही सदुपयोग कर अपने शिक्षा को पूरी लगन से कर अपने लक्ष्य को हासील करने हेतु प्रेरित किया गया। उक्त विधिक साक्षरता शिविर में विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राएं एवं पीएलव्ही शेरखान उपस्थित थे।