नई दिल्ली: भारतीय सेना और सीजीडीए ने लंबे समय से मिल रही क्लेम्स की शिकायतों के निपटान की दिशा में अहम कदम उठाया है। लंबे समय से लंबित जेसीओ और अन्य रैंकों के क्लेम्स के मद्देनजर 400 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। भारतीय सेना मुख्यालय और रक्षा लेखा विभाग के प्रमुख कार्यालय रक्षा लेखा महानियंत्रक (सीजीडीए) ने जूनियर कमीशंड अधिकारियों (जेसीओ) और अन्य रैंकों (ओआर) के दावों के आधार पर लंबे समय से लंबित मामलों को निपटाने के लिए पूरे भारत में बड़े पैमाने पर पहुंच बनाई। सीजीडीए कार्यालय के संयुक्त सीजीडीए (शिकायत) के नेतृत्व में इस महीने की शुरुआत में लोगों तक पहुंच बनाने का प्रयास किया गया।
इसी कड़ी में सभी 48 वेतन और खाता कार्यालयों में शिविर स्थापित किए गए। इसी तरह भारतीय सेना ने सभी मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के लिए अपने रिकॉर्ड कार्यालयों को सक्रिय कर दिया है। रिकॉर्ड्स कार्यालय (एक सेना सेटअप) दावों की सत्यता की जांच करने के लिए जिम्मेदार हैं, जबकि सत्यापित दावों को अंततः वेतन और लेखा कार्यालयों द्वारा पारित/भुगतान किया जाता है। भारत भर में कुल 48 रिकॉर्ड्स और पीएओ कार्यालय हैं, प्रत्येक रेजिमेंट, शाखा या सेवा के लिए एक-एक हैं।
भारतीय सेना को जेसीओ और ओआर की तरफ से बहुत सारी शिकायतें मिल रही थीं। जिसमें कहा जा रहा था कि उनके क्लेम्स को जारी नहीं किए गए हैं। इस मुद्दे को सीजीडीए के साथ उठाया गया। साथ ही संयुक्त सीजीडीए (शिकायत) ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए सेना के साथ पूर्ण तालमेल बिठाया और इस मामले की काम में जुट गए. संयुक्त सीजीडीए ने अपने पीएओ के माध्यम से एक-एक कर सभी मामलों का विश्लेषण किया। विशेष रूप से बच्चों की पढ़ाई के भत्ते, मकान के किराए के भत्ते, वेतन निर्धारण संबधित अन्य मामलों के क्लेम्स को जारी करने के लिए उपाय शुरू किए गए। मामले के निपटान के लिए सीजीडीए में एक वॉर रूम भी स्थापित किया गया है, जहां इन शिकायतों और उनके समाधान पर बारीकी से नजर रखी जा रहगी है। इससे बड़ी संख्या में जेसीओ और अन्य रैंक के अधिकारियों को लाभ मिला है, जो भविष्य में भी जारी रहेगा।