बेंगलुरू। कर्नाटक में 10 पुरुषों के खिलाफ अलग-अलग आपराधिक मामले दर्ज कराने वाली महिला की जानकारी हाईकोर्ट ने सभी थानों में भेजने का निर्देश दिया है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह आदेश राज्य के डीजीपी को दिया है। महिला 2011 से 2022 के मध्य 10 पुरुषों के खिलाफ केस दर्ज करवा चुकी है। अपने निर्देश में न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया।

डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक 28 अगस्त 2022 को मैसूर के होटल ललित महल पैलेस में पीके विवेक ने महिला से एक व्यापारिक लेनदेन के सिलसिले में मुलाकात की थी। इसके कुछ दिन बाद महिला ने विवेक और उनके परिवार के खिलाफ दो केस दर्ज कराए थे। विवेक ने अपनी याचिका में अदालत में बताया कि महिला पिछले 10 सालों में 10 पुरुषों के खिलाफ इसी तरह के केस दर्ज करवा चुकी है।

अदालत ने महिला द्वारा सिलसिलेवार केस दर्ज कराने की प्रवृत्ति पर हैरानी जताई। महिला ने शिकायतों में कुछ पुरुषों को पति बताया तो कुछ पर शादी का वादा करके दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। हालांकि सुनवाई के दौरान वह अनुपस्थित रही। सबूत पेश करने की खातिर भी अदालत नहीं पहुंची। इसके बाद हाईकोर्ट ने पीके विवेक और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने का आदेश दिया। पीके विवेक हसन जिले के सकलेशपुर के रहने वाले हैं और कॉफी बागान के मालिक हैं।

न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने कहा, “अगर यह शिकायतकर्ता किसी थाने में केस दर्ज कराना चाहे तो बिना किसी उचित प्रारंभिक जांच के मामला दर्ज नहीं किया जाना चाहिए। यह पुरुषों के खिलाफ बेतहाशा दर्ज हो रहे अपराधों को रोकने की खातिर है।” न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने कहा, “इसका उद्देश्य स्पष्ट है। यह केवल उन लोगों को परेशान करना था, जिनका शिकायतकर्ता से कोई लेना-देना नहीं था।इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक 10 सालों में महिला ने पांच पुरुषों पर दुष्कर्म, दो पर क्रूरता और तीन पर छेड़छाड़ और आपराधिक धमकी का आरोप लगाया है।

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