नई दिल्ली। भारत के बाजारों से छोटे नोट लगातार गायब होते जा रहे हैं। 10, 20 और 50 के नोटों की कमी के चलते शहरी ही नहीं ग्रामीण आबादी भी परेशान हो रही है। गरीबों पर सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। ये बात लोकसभा में कांग्रेस के विप मणिकम टैगोर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में कही है।

टैगोर ने वित्त मंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा,कई रिपोर्टों से पता चला है कि केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने छोटे नोटों की छापना बंद कर दिया है। इसके पीछे का कारण यूपीआई और कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देना बताया जा रहा है।

ग्रामीण लोगों को हो रही दिक्कत

मणिकम ने कहा कि सरकार द्वारा डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की बात तो समझ आती है, लेकिन छोटे नोट बंद करना कहीं से भी ठीक नहीं है। इसके चलते हर रोज नोटों के जरिए छोटी पेमेंट करने वाले लोग प्रभावित हो रहे हैं। जो लोग डिजिटल ट्रांजेक्शन नहीं करते या ग्रामीण लोगों को इससे काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

वित्त मंत्री से की तीन मांग

कांग्रेस नेता ने वित्त मंत्री से मांग की कि वो आरबीआई को छोटे नोटों की छपाई फिर शुरू करने का निर्देश दे।

ये भी सुनिश्चित किया जाए कि नोटों की आपूर्ति इतनी है कि वो लोगों की डिमांड पूरी कर पाए।

वहीं, मणिकम ने गांवों में डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर देने की भी बात कही।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि दिहाड़ी मजदूर, रेहड़ी पटरी वाले लोग खाली कैश पर निर्भर होते हैं, इसके चलते उन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।

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