{"remix_data":[],"remix_entry_point":"challenges","source_tags":["local"],"origin":"unknown","total_draw_time":0,"total_draw_actions":0,"layers_used":0,"brushes_used":0,"photos_added":0,"total_editor_actions":{},"tools_used":{},"is_sticker":false,"edited_since_last_sticker_save":false,"containsFTESticker":false}

सूरजपुर: सूरजपुर जिले के रामनगर के स्टेडियम ग्राउंड में इन दिनों भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। यहां 9 दिवसीय भागवत कथा का आयोजन चल रहा है, जिसका शुभारंभ 17 अक्टूबर को कलश यात्रा के  बाद हुआ था और समापन 25 अक्टूबर को होगा। यह कार्यक्रम वृंदावन से पधारे आचार्य  विनयकांत त्रिपाठी द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिन्होंने अपनी ज्ञानमयी वाणी और भावपूर्ण भजन से हजारों श्रद्धालुओं को श्रीकृष्ण की लीलाओं में मग्न कर दिया है।

प्रतिदिन कथा सुनने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, और जैसे-जैसे दिन गुजर रहे हैं, इस आयोजन का आकर्षण और भी बढ़ता जा रहा है। हर उम्र के लोग, चाहे वे बच्चे हों, युवा हों या बुजुर्ग, सभी इस दिव्य वातावरण में पूरी तरह डूबे हुए हैं।

भागवत कथा का महत्व: आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग

भागवत कथा को हिंदू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। यह कथा न केवल भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उनकी लीलाओं का वर्णन करती है, बल्कि आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देती है। श्रीमद्भागवत के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण की कथा सुनने से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथा के माध्यम से भगवान की कृपा और भक्ति का अनुभव होता है, जो जीवन की सभी समस्याओं का समाधान देने वाला माना जाता है।

रामनगर में आयोजित इस कथा का मुख्य उद्देश्य समाज में एकता, प्रेम और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना है। साथ ही यह कार्यक्रम लोगों को आधुनिक जीवन की भागदौड़ से कुछ समय निकालकर अध्यात्म की ओर लौटने का अवसर भी प्रदान कर रहा है।

तीसरे दिन की कथा: भीड़ और भक्ति का संगम

कथा के तीसरे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। आचार्य त्रिपाठी जी ने भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला, गोवर्धन पूजा, और महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण के उपदेशों का विस्तृत वर्णन किया। जैसे-जैसे कथा आगे बढ़ी, भक्तों के चेहरों पर भक्ति और श्रद्धा के भाव स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगे। त्रिपाठी जी की सुमधुर वाणी और भजनों ने उपस्थित भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हर ओर भगवान श्रीकृष्ण के जयकारे गूंज रहे थे, और श्रद्धालु झूम-झूमकर भक्ति में लीन हो गए।

महा भंडारा और सेवा कार्य: सेवा का अद्वितीय उदाहरण

भागवत कथा के दौरान प्रतिदिन महा भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें सैकड़ों भक्त प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। यह भंडारा भक्तों के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, जिसमें आसपास के गांवों और कस्बों के लोग भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। सेवा भाव से प्रेरित यह आयोजन भक्तों के बीच प्रेम, सहयोग और सामूहिकता का संदेश फैला रहा है।

भक्तों का कहना है कि यह भंडारा न केवल उनके शारीरिक भूख को शांत करता है, बल्कि भक्ति और सेवा के महत्व को भी उजागर करता है। भंडारे में हर वर्ग के लोग बिना किसी भेदभाव के एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं, जो सामाजिक एकता और समानता का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है।

रामनगर में भक्ति की गूंज: हर ओर भक्ति का वातावरण

रामनगर में आयोजित इस भागवत कथा ने चारों ओर भक्ति की लहर फैला दी है। न केवल कथा स्थल, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी भक्ति का वातावरण व्याप्त है। भक्त कथा के साथ-साथ भजन-कीर्तन, पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक क्रियाकलापों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। यह आयोजन समाज में आध्यात्मिक जागरूकता फैलाने और लोगों को धर्म के प्रति जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है।

25 अक्टूबर को इस 9 दिवसीय भागवत कथा का समापन होगा, और तब तक हर दिन भक्ति का यह उत्सव और भी विशाल रूप लेता जाएगा। जैसे-जैसे कथा के दिन आगे बढ़ रहे हैं, श्रद्धालुओं की संख्या और उनकी श्रद्धा में भी इजाफा हो रहा है। यह आयोजन न केवल रामनगर के लोगों के लिए बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए भी एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव बन चुका है।आने वाले दिनों में कथा के समापन तक श्रद्धालुओं का यह उत्साह और भी बढ़ने की उम्मीद है।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!