नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं, जिसमें I.N.D.I.A गठबंधन के मुकाबले एनडीए को सरकार बनाने के लिए बहुमत मिला है। जहां एनडीए को 293 तो वहीं आईएनडीआईए गठबंध को 233 सीटें मिली हैं। मगर, इस चुनाव में हमेशा की तरह एक बार फिर से उत्तर प्रदेश ने भारत की केंद्रीय राजनीति में अपने आपको साबित किया है। इस चुनाव में भी खासतौर से समाजवादी पार्टी ने प्रभावित करते हुए देश को चौंका दिया है।
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 80 में से 37 सीटें जीती हैं। इसमें भी इटावा जिले ने देश में इतिहास रच दिया है। दरअसल पहली बार किसी लोकसभा चुनाव में एक जिले के 6 निवासी सांसद चुने गए हैं। यह छह के छह सांसद यूपी के अलग-अलग जिलों से जीते हैं।
इटावा जिला उत्तर प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी भाग में आता है। यह जिला साल 1990 के दशक से ही उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री रहे मुलायम सिंह की वजह से यह सुर्खियों में रहा है। मुलायम सिंह इसी इटावा के सैफई के रहने वाले थे।
भारत के चुनाव आयोग के अनुसार इटावा जिले के निवासी सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव कन्नौज, डिंपल यादव मैनपुरी, जितेंद्र दोहरे इटावा, अक्षय यादव फिरोजाबाद, आदित्य यादव बदायूं और धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ से चुनाव जीतकर सांसद बने हैं। देश में यह अपने आप में इतिहास है कि एक जिले के रहने वाले छह लोग सांसद चुने गए हैं।
अखिलेश यादव (कन्नौज)
समाजवादी पार्टी प्रमुख उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इटावा जिले के सैफई के रहने वाले हैं। अखिलेश समाजवादी पार्टी के सिंबल पर इस बार कन्नौज लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे।
उन्होंने कन्नौज से अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा के सुब्रत पाठक को 1 लाख 70 हजार वोटों से हराया है। अखिलेश यादव कन्नौज से पहले भी सांसद रह चुके हैं। बता दें कि कन्नौज लोकसभा सीट से पहली बार मुलायम परिवार को साल 1999 में जीत मिली थी। उस समय मुलायम सिंह खुद यहां से चुनाव जीतकर सांसद बने थे। हालांकि बाद में उन्होंने यह सीट अपने बेटे अखिलेश को दे दी थी। कन्नौज जिला मुलायम परिवार का गढ़ माना जाता है।
डिंपल यादव (मैनपुरी)
सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सांसद बनी हैं। इस बार डिंपल का मुकाबला भाजपा के जयवीर सिंह से था। चुनाव आयोग के मुताबिक डिंपल ने जयवीर सिंह को 2 लाख 21 हजार वोटों से हराया है। यहां से बहुजन समाज पार्टी के शिव प्रसाद यादव को 66 हजार वोट मिले हैं।
धर्मेंद्र यादव (आजमगढ़)
मुलायम सिंह के भतीजे धर्मेंद्र यादव समाजवादी पार्टी के गढ़ पूर्वांचल के आजमगढ़ से सांसदी का चुनाव जीते हैं। वह सपा के सिंबल पर आजमगढ़ सीट से चुनावी मौदान में थे। धर्मेंद्र यादव मुलायम सिंह के भाई अभयराम यादव के बेटे हैं।
चुनाव आयोग के मुताबिक धर्मेंद्र ने भाजपा के दिनेश लाल यादव (निरहुआ) को 1 लाख 61 हजार वोटों से हराया है। धर्मेंद्र को इस चुनाव में 5 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं। आजमगढ़ सीट से मुलायम सिंह और अखिलेश यादव भी सांसद रह चुके हैं। आजमगढ़ भी मुलायम परिवार का गढ़ रहा है।
जितेंद्र दोहरे
इटावा के भरथना के रहने वाले जितेंद्र दोहरे भी समाजवादी पार्टी के टिकट पर संसद पहुंच गए हैं। जितेंद्र ने सपा के टिकट पर सुरक्षित इटावा लोकसभा सीट से जीत हासिल की है। जितेंद्र का मुकाबला भाजपा के बड़े नेता और राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले रामशंकर कठेरिया से था। साल 2014 से ही इटावा पर भाजपा (रामशंकर कठेरिया सांसद) का कब्जा था।
चुनाव आयोग के अनुसार जितेंद्र दोहरे ने रामशंकर कठेरिया को 58 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। जितेंद्र को चुनाव में 4 लाख 90 हजार से ज्यादा मत मिले हैं, जबकि कठेरिया को चार लाख 32 हजार वोट ही मिले हैं।
आदित्य यादव (बदायूं)
सपा प्रमुख अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव भी बदायूं लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं। समाजवादी पार्टी ने आदित्य को बदायूं सीट से मैदान में उतारा था। चुनाव आयोग के मुताबिक आदित्य ने भाजपा के दुर्गविजय सिंह शाक्य को 34 हजार वोटों से हराया है। आदित्य यादव को 5 लाख 18 हजार वोट मिले, जबकि शाक्य को करीब 4 लाख 66 हजार।
अक्षय यादव (फिरोजाबाद)
समाजवादी पार्टी के प्रमुख महासचिव राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव भी इस बार सांसद का चुनाव जीतने में कामयाब हो गए हैं। अक्षय इससे पहले भी फिरोजाबाद से सासंदी का चुनाव जीत चुके हैं। फिरोजाबाद जिला सपा का गढ़ रही है।
चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार अक्षय ने भाजपा के विश्वदीप सिंह को करीब 89 हजार वोटों से हराया है। अक्षय को 5 लाख 43 हजार वोट मिले हैं, जबकि विश्वदीप को मात्र चार लाख 53 हजार वोट मिले।