बलरामपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि भाजपा के नेता अपना धान बेचकर फ्री होने के बाद अब किसानों के नाम से राजनीति कर रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि राज्य में धान बेचने पंजीकृत किसानों से लगभग 97 प्रतिशत किसानों ने अपने धान को बेचकर खाता में धान की राशि प्राप्त कर चुके हैं । भाजपा के नेता धान खरीदी में बाधा उत्पन्न करने के लिए पहले अपने केंद्र सरकार से बारदाना की आपूर्ति में अवरोध उत्पन्न कराएं फिर सेंट्रल पुल में उसना चावल लेने में मना करवाया लाख षडयंत्रो बाधाओं के बाद भी छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार धान खरीदी के निर्धारित लक्ष्य की ओर पहुंच गई तब भाजपा के नेता किसानों के धान खरीदी के नाम से घड़ियाली आंसू बहा कर राजनीति कर रहे हैं।
जिला कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि अपने जिले बलरामपुर में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग साढ़े 15 मिट्रिक टन धान किसानों ने अधिक बिक्री की है वही समूचे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सरकार ने चालू खरीफ वर्ष में राज्य में किसानों से समर्थन मूल्य पर 97 लाख 97 हजार 122 मीट्रिक टन धान की खरीदी कर एक नया रिकार्ड कायम किया है। राज्य में बीते साल 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। इस साल राज्य में एक दिसम्बर 2021 से शुरू हुआ धान खरीदी का अभियान 7 फरवरी को सम्पन्न हो गया। इस साल 21 लाख 77 हजार 283 किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचा है, जो बीते वर्ष धान बेचने वाले 20 लाख 53 हजार 600 किसानों की संख्या से 1 लाख 23 हजार 683 अधिक है। बारदाना संकट और जनवरी माह में बेमौसम बारिश और केंद्र की मोदी भाजपा सरकार के अड़चन बाधा को लगाते हुए धान खरीदी पूरा किया है। धान का उठाव और कस्टम मिलिंग का काम भी तेजी से चल रहा है।अब तक 64.43 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है। कस्टम मिलिंग करके भारतीय खाद्य निगम में 9.47 लाख मीट्रिक टन एवं नागरिक आपूर्ति निगम में 7.66 लाख मीट्रिक टन चावल जमा किया जा चुका है।
जिला कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार धान खरीदी में अपने ही रिकार्ड को तोड़कर नया रिकॉर्ड बना रही है तीन सालों में राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का रिकार्ड साल दर साल टूट रहा है। इस साल 97.97 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का नया रिकार्ड बना है। वर्ष 2021 में 92 लाख मीट्रिक टन धान, वर्ष 2020 में 83.94 लाख मीट्रिक तथा 2019 में 80.37 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। इस साल 2021-22 में धान बेचने के लिए कुल 24 लाख 6 हजार 560 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिनके द्वारा बोए गए धान का रकबा 30 लाख 10 हजार 880 हेक्टेयर है। जबकि पिछले साल पंजीकृत धान का रकबा 27 लाख 92 हजार 827 हेक्टेयर था। यदि एक साल के आंकड़े की ही तुलना की जाए तो धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या में लगभग सवा लाख तथा पंजीकृत धान के रकबे में 2 लाख 18 हजार की वृद्धि हुई है।
बलरामपुर रामानुजगंज जिले में वर्ष 2020 -21 में किसानों की पंजीयन संख्या 33108 थी उसकी तुलना में चालू खरीदी वर्ष 2021-22 में किसानों की पंजीयन संख्या 43301 थी चालू पंजीयन वर्ष में खरीदी की अंतिम दिनांक तक 36835 किसानों ने धान की बिक्री की है। चालू खरीदी वर्ष 2021-22 में निर्धारित लक्ष्य 178351टन के विरुद्ध 193871 टन धान की खरीदी की जा चुकी है। जो लक्ष्य 15520 टन अधिक धान की खरीदी कर अभूतपूर्व मिसाल कायम की गई है।
इस प्रकार न केवल समूचे प्रदेश में बल्कि अपने जिले बलरामपुर में भी अलग से अधिक धान की खरीदी करके कांग्रेस की सरकार ने बता दिया है कि तमाम सुविधाओं और परिस्थितियों का सामना करने के बाद प्रशासन ने किसानों की धान खरीदी में पूरी रुचि दिखाई और किसानों ने भी समस्या और और सुविधाओं का सामना करने के बावजूद सरकार पर भरोसा करते हुए धान की बिक्री करके अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है और सरकार पर भरोसा कायम किया है।