रायपुर: राजधानी के क्लब में शनिवार देर रात गोलीबारी की घटना से हड़कंप मच गया। घटना के बाद पुलिस ने रोहित तोमर, विकास अग्रवाल समेत अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद रविवार को पुलिस ने आरोपी रोहित तोमर, विकास अग्रवाल, सारंग मन्धान और अमित तनेजा का मुंडन कर शहर की सड़कों पर जुलूस निकाला। साथ ही कोर्ट में पेशी के लिए भी उन्हें पैदल लेकर पहुंची। जुलूस निकालने का पुलिस का मुख्य उद्देश्य लोगों के मन से आरोपियों का खौफ खत्म करना है।
आपको बता दें कि शनिवार देर रात दो युवकों के बीच गर्लफ्रेंड को लेकर झगड़ा शुरू हुआ। जिसके बाद एक युवक ने दूसरे की गाड़ी में तोड़फोड़ कर दी। तैश में आकर दूसरे युवक ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल निकाली और गोली चला दी। इस घटना में किसी के भी घायल होने की खबर नहीं है। स्थानीय लोगों ने बताया कि, दोनों के बीच में पहले गर्लफ्रेंड को लेकर विवाद हुआ फिर गोली चल गई। फिर तेलीबांधा थाने की पेट्रोलिंग टीम को सूचना दी गई कि, हाइपर क्लब की पार्किंग में गुढ़ियारी के रहने वाले विकास अग्रवाल और भाटागांव के रोहित तोमर के बीच विवाद हुआ है। दोनों के बीच पहले तो किसी बात को लेकर बहसबाजी शुरू हुई और इतने में गोली चल गई। इस घटना के बाद रायपुर सिटी एडिशनल एसपी लखन पटले, CSP मनोज ध्रुव और तेलीबांधा पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस दोनों आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है। तेलीबांधा पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
बताया जाता है कि गोलीकांड में शामिल रोहित तोमर, करणी सेना के अध्यक्ष वीरेंद्र तोमर का भाई है। इसके पहले भी रोहित तोमर अपने भाई के साथ सूदखोरी के मामले में जेल जा चुका है। इनके ऊपर लोगों को उधारी में पैसे देकर ज्यादा ब्याज वसूलने का आरोप है। पैसे नहीं देने पर ये अपने गुर्गों के साथ मिलकर पीड़ित से मारपीट करते थे। तोमर भाइयों के खिलाफ राजधानी रायपुर के अलग-अलग थानों में मामले दर्ज हैं। साल 2019 में सूदखोरी के एक मामले में कारोबारी की शिकायत के बाद से रोहित तोमर फरार हो गया था। जिसे रायपुर पुलिस ने दिल्ली में लगातार 5 दिनों तक कैंप पर गिरफ्तार किया था।