नई दिल्ली हाल ही में चर्चा में रहीं पीसीएस ज्योति मौर्य केस में बड़ी कार्रवाई की गई. उत्तर प्रदेश के महोबा में तैनात होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके साथ ही, उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं. मनीष दुबे के खिलाफ ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य ने गंभीर आरोप लगाए थे. डीआईजी होमगार्ड प्रयागराज ने मामले की जांच की थी. जांच रिपोर्ट के बाद सस्पेंड करने की सिफारिश की थी. बता दें, मनीष दुबे वर्तमान समय में महोबा जिले के होमगार्ड कमांडेंट के पद पर कार्यरत थें.
मनीष दुबे के ऊपर सस्पेंशन की तलवार काफी लंबे समय से लटक रही थी. धनतेरस के दिन शासन की तरफ से आदेश जारी किए गए और उनको सस्पेंड कर दिया गया. बता दें, पीसीएस ज्योति मौर्य के पति ने मनीष दुबे पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. आलोक ने आरोप लगाया था कि मनीष दुबे ने ज्योति साथ मिलकर भ्रष्टाचार किया. इसके साथ ही कहा था कि पीसीएस अफसर बनने के बाद ज्योति ने गलत तरीके से करोड़ों की संपत्ति अर्जित की.
आलोक मौर्य ने मनीष दुबे की पत्नी के साथ संबंधों पर सवाल खड़े किए गए. ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य ने पत्नी और मनीष दुबे पर हत्या की साजिश रचने का आरोप भी लगाया. आलोक ने इससे संबंधित कागजात भी पेश किए जाने का दावा किया था.
आलोक की शिकायतों पर डीआईजी होमेगार्ड प्रयागराज ने मनीष दुबे के खिलाफ जांच की थी. होमगार्ड के डीआईजी मुख्यालय विवेक कुमार सिंह को जांच अधिकारी नामित किया गया है और पूरे मामले की जांच कराई गई. डीआई जी (DIG) ने जांच के बाद डीजी होमेगार्ड ने मनीष दुबे (Manish Dubey) को सस्पेंड करने की सिफारिश की. जिसके बाद कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति (Prison Minister Dharamveer Prajapati) ने पिछले सप्ताह मनीष दुबे को सस्पेंड कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. इसके अलावा मनीष दुबे के खिलाफ विभागीय जांच का भी निर्णय लिया गया.
पीसीएस ज्योति केस (PCS Jyoti Case) में अब मनीष दुबे की नौकरी पर भी खतरा मंडराने लगा है. पति और पत्नी के बीच हुए विवाद में मनीष दुबे बुरी तरह फंस गए हैं.