सूरजपुर: जिले में एक युद्ध नशे के विरुद्ध नशे के खिलाफ जागरुकता कार्यक्रम की शुरुआत प. रेवती रमण मिश्र महाविद्यालय से किया गया। छ.ग. में तीन जिले रायपुर बिलासपुर के साथ सूरजपुर में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिले में यह जागरुकता कार्यक्रम 28 फरवरी 2022 से लेकर मई तक कार्यक्रम संचालित किया जायेगा। जिले में सबसे पहले सूरजपुर नगरीय क्षेत्र व विश्रामपुर नगर, भटगांव एवं जरही क्षेत्र को लिया गया है। यह क्षेत्र कोल एरिया एवं शहरी परिवेश होने से ज्यादा नशे के शिकार लोग इसी क्षेत्र में है। नशे से मुक्त करने हेतु जागरुकता कार्यक्रम जिला प्रशासन व कलेक्टर डॉ.गौरव कुमार सिंह के निर्देशन व जिला पंचायत सीईओ श्री राहुल देव गुप्ता के निर्देशन में किया जा रहा है। इसी क्रम में आज पंडित रेवती रमणमिश्रा महाविद्यालय में कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम में सखी वन स्टाप सेंटर की केस वर्कर कविता मण्डल ने बताया कि सखी वन स्टाप सेंटर में कॉफी ऐसी महिलाएं आ रही है, जिनके पति नशे में आदि होकर उनसे मार-पीट करते हैं। घरेलु हिंसा के शिकार महिलाए ज्यादातर नशा के कारण परेशानी झेल रही हैं। नशा से घर परिवार समाज तबाह हो जाता है। युवा भी आज नशे शिकार हो रहे हैं।
कार्यक्रम में डॉ. दीपक मरकाम डेन्टीस्ट एवं तम्बाखू अमूलन कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी ने कहा की नशे में तम्बाखू एवं महत्वपूर्ण नशा हो गया है। तम्बाखू में दो प्रकार के नशा का सेवन हो रहा है। एक धुम्रपान रहित एवं दूसरा धुम्रपान युक्त दोनों ही प्रकार में नशा करने वाला उसका शिकार हो जाता है। लोग नशा शौक, स्टेटस सिम्बल, टेंशन और डिप्रेसन के कारण करते हैं। गांव में लोग तम्बाखू, गुड़ाखू का सेवन करते हैं यह पूरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है, साथ ही डॉ. राजेश पैकरा ने कहा कि किसी भी चीज अधिक उपयोग करना नशा है। नशे कारण लोग डिप्रेसन में आ जाते हैं और यहां तक कि आत्म हत्या भी कर लेते हैं। शराब पिने वाले लोगों की काउंसलिंग के माध्यम से कम करते-करते ठीक किया जा सकता है। उन्होंने नशे से बचने के उपाये के बारे में बताया कि प्रारम्भ में मना करना चाहिए और जहां नशा होता हो वहां ज्यादा देर नहीं रुकना चाहिए। जिस गली में नशे का सामान मिलता है या लोग जहां ज्यादा नशेड़ी है वहां नहीं जाना चाहिए मन को मजबूत रखना चाहिए, और यदि कोई ऐसा नशा में लिप्त है उसे जिला चिकित्सालय या नशा मुक्ति केन्द्र में भेजना चाहिए, श्रीमती गीता वाधवानी, एसडीओपी पुलिस नशे से नुकसान उस व्यक्ति को हीं नही बल्कि घर समाज को भी नुकसान होता है। नशा के कारण अपराध में वृद्धि हो रही है, नशा के कारण दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है। जागरुकता अभियान में अपनी जिम्मेदारियों का ध्यान रखना चाहिए।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नशा देश को खोखला कर दे रहा है। यह युवाओं को बुरी तरह से अपने आगोश में ले रहा है। युवा पिढ़ी यदि नशे से मुक्त हो जाये या नशे से दूर हो जाये तो समाज और देश ठीक हो सकता है। यहां जो कॉलेज विद्यार्थी बैठे है, उसकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है, क्योंकि वे स्वयं नशे से दूर रहे और समाज को भी नशे से दूर करने में सहयोग प्रदान करें। क्योंकि जिस गांव से वे आते है, गांव में कॉलेज विद्यार्थीयों की इज्जत बड़ी होती है। वे जो करते है उसे देखकर गांव के लोग प्रेरणा लेते हैं। युवा जिस ओर जायेगा आने वाला कल वैसा ही बनने वाला है। आप सभी के कंधे पर अपने देश की जिम्मेदारी है। समाज परिर्वतन में आप सभी योगदान दें। आज कल नशा बिड़ी, सिगरेट, तम्बाखू, शराब से आगे निकल गया है। इन्जेक्सन और सुलेशन के सुंघने से लेकर कोरेक्स सिरप तक नशा किया जा रहा है। किशोर न्याय अधिनियम के अन्तर्गत धारा 77 और 78 में बच्चों को नशें में प्रयुक्त करना उनका इस्तेमाल करना, नशा लाने ले जाने के लिए बच्चों का उपयोग करने पर 7 साल का सजा एवं एक लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान किया गया है। इसकी जानकारी भी लोगों को देनी है। डॉ. एस.एस. अग्रवाल ने कार्यक्रम में आये सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और उन्होंने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि कॉलेज विद्यार्थियों की जिम्मेदारी बढ़ जाती हमें गांव-गांव में ग्रामीणों को बाहर लाना है। हमें शाक्षी भाव से अपने आप का चिन्तन करना है। अपने आप को देखना है। परिवर्तन अपने से प्रारम्भ करना है। यह कार्यक्रम निश्चित रूप से नशे के खिलाफ नील का पत्थर साबीत होगा।