अम्बिकापुर: जिले में कोविड-19 महामारी के कारण शैक्षणिक रूप से पिछडे़ विद्यार्थियों के लिए माह फरवरी 2022 में उपचारात्मक शिक्षण प्रारंभ किया गया है। उपचारात्मक शिक्षा में विद्यार्थियों के सीखने की क्षमता में वृद्धि कर सामान्य बालकों की श्रेणी में लाने का प्रयास करना है। जिले में उपचारात्मक शिक्षण के लिए चयनित विषय विशेषज्ञों द्वारा बोर्ड पैटर्न पर प्रश्न पत्र तैयार कर बेस लाइन परीक्षा का आयोजन किया गया।
यह परीक्षा कठिन माने जाने वाले विषयों अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, अर्थशास्त्र, भौतिक रसायन, जीव विज्ञान एवं वाणिज्य के विषयों की ली गयी। जिले के 159 हाई स्कूल तथा हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में बेस लाइन परीक्षा का आयोजन किया गया तथा उनका मूल्यांकन कराया गया। पूरे जिले में कक्षावार दर्ज संख्या का परीक्षण कर 25 प्रतिशत कमजोर विद्यार्थियों का चयन किया गया। पूरे जिले में कक्षा 9वीं में 9971 बच्चों के परीक्षण में 2493 तथा 10वी में 9180 में 2331 कमजोर बच्चों का चिन्हांकन किया गया है। इसी तरह कक्षा 11वीं में कुल दर्ज संख्या 9728 में अंग्रेजी में 2419 गणित में दर्ज 207 में 74 विज्ञान संकाय में 771 अर्थशास्त्र में 711 तथा वाणिज्य में 347 कमजोर बच्चों का चिन्हांकन किया गया। इसी तरह कक्षा 12वीं में कुल 6595 बच्चों के परीक्षण में अंग्रेजी में 1649 गणित में दर्ज 287 में 79 जीव विज्ञान में 2499 में 636 भौतिक एवं रसायन में 681 अर्थशास्त्र में 1598 में 408 तथा वाणिज्य में 956 में 247 कमजोर रूप से पिछड़े बच्चों को चिन्हांकित कर विशेष कोचिंग की व्यवस्था की गयी है। इन चयनित विद्यार्थियों को विशेष कोचिंग की व्यवस्था जिले स्तर पर आनलाइन तथा विद्यालय स्तर पर मुहल्ला क्लास एवं आनलाइन दोनों तरह से प्रदान किया गया। इनके सीखने की क्षमता में विकास का परीक्षण 24 फरवरी से होने वाले एण्ड लाइन परीक्षा से किया जायेगा।