सूरजपुर:  एनडीपीएस एक्ट (नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस) के तहत मामलों की विवेचना में छोटी सी भी चूक भारी पड़ सकती है, इसलिए पुलिस को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। यह बात माननीय अपर सत्र न्यायाधीश (एडीजे)  सुनील कुमार नंदे ने जिला पुलिस कार्यालय में आयोजित बैठक के दौरान कही। इस बैठक में डीआईजी एवं एसएसपी सूरजपुर एम.आर. आहिरे की उपस्थिति में थाना-चौकी प्रभारियों को कानून के प्रावधानों की बारीकियां समझाई गईं।

एडीजे ने विवेचना के विभिन्न चरणों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एनडीपीएस मामलों में साक्ष्यों का सही ढंग से संकलन बेहद जरूरी है। विवेचना में लापरवाही या तकनीकी पहलुओं को नजरअंदाज करने से आरोपी बरी हो सकते हैं। पुलिस अधिकारियों, जब्ती अधिकारियों और रेड पार्टी के सदस्यों को कानून की गहरी जानकारी होनी चाहिए ताकि अदालत में मामला मजबूत रह सके।

बैठक के दौरान डीपीओ मनोज चतुर्वेदी ने भी विवेचना से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों पर प्रकाश डाला। इस मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो, सीएसपी एस.एस. पैंकरा, डीएसपी मुख्यालय महालक्ष्मी कुलदीप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और जिले के थाना-चौकी प्रभारी मौजूद थे।

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