रायपुर। वोट अधिक, लेकिन सीटें कम…2018 के विधानसभा चुनाव में यह दर्द झेल चुकी छत्तीसगढ़ भाजपा अब बेहद सतर्क है। पार्टी ने उन सीटों पर फोकस बढ़ा दिया है, जहां जीत-हार का अंतर अपेक्षाकृत कम था। इनमें नौ सीटों पर हार-जीत का अंतर नोटा को मिले वोटों से भी कम था, यानी यहां नोटा को ये वोट नहीं मिलते तो भाजपा की सीटें बढ़ सकती थीं। पिछली बार कुल 90 विधानसभा सीटों में भाजपा को 15 सीट, कांग्रेस को 68, बसपा को दो और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस को पांच सीटें मिली थीं। अब अगले विधानसभा चुनाव 2023 में दोबारा सत्ता हासिल करने को भाजपा ने मिशन 50 की रणनीति बनाई है।
पार्टी सूत्रों की माने तो विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने एक अंदरूनी सर्वे कराया है। इस सर्वे रिपोर्ट के अनुसार विधानसभा की 50 ऐसी सीटें हैं जहां दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है। इसके अलावा पार्टी सबसे अधिक वहां पर मशक्कत कर रही है, जिनमें 2018 के चुनाव में जीत-हार का अंतर अपेक्षाकृत कम था। इसके लिए भाजपा ने अपनी रणनीति में पांच फार्मूला को एक साथ शामिल किया है जिससे सत्ता में वापसी की जाएगी।