बलरामपुर।आदित्य चिकित्सालय में रक्तदान, अंग दान और चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गय। इस कार्यक्रम में जागरूकता अभियान के तहत कई प्रकार के प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया। जिसमें कुसमी-सामरी के स्कूल, कॉलेज और आम जनता ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के मुख्या अतिथि हुमन सिंह व पूर्व विधायक महेश्वर पैकरा शामिल हुए। इनके साथ कई जन प्रतिनिधत्व भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में संजय पाढ़ी (हिंडालको प्रमुख)और विजय मिश्रा (सीएसआर हेड) की अगुवाई में 1000 ग्रामीण जन जुड़े जो स्वास्थ्य शिविर का फायदा उठा पाए। पहली बार विशाल ग्रामीण जन समूह को एक छत के नीचे स्वास्थ सुविधा मिलने से सीएसआर के कार्यों की सराहना हुई। पूरे छत्तीसगढ़ में हिंडालको प्रथम ऐसी सीएसआर,ग्रामीण विकास बनी जो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ विषय पर काम की और भविष्य में बेहतर कार्य करने की तैयारी में है। इस कार्यक्रम की सफलता इस बात से दिखाई देती है कि सीएसआर अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचने में सफल हो पाया। इस कार्यक्रम का आयोजन हिंडालको के सौजन्य से जय शकुंतला वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा किया गया। आज वर्तमान में आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य एक प्रमुख समस्या है जिसमे सीएसआर और स्वयं सेवी संस्थाओं और सरकार को एक साथ काम करने की आवश्यकता है।
यह विवरण एक प्रभावशाली और सकारात्मक कार्यक्रम को उजागर करता है जो स्वास्थ्य और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया। आदित्य चिकित्सालय में आयोजित रक्तदान, अंगदान, और चिकित्सा शिविर न केवल स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का एक माध्यम बना, बल्कि इसने सामाजिक जागरूकता बढ़ाने और जनसमूह को एकजुट करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम में विभिन्न गतिविधियों जैसे जागरूकता अभियानों और प्रतियोगिताओं ने आम जनता, स्कूल,कॉलेजों के छात्रों और क्षेत्र के लोगों को एक मंच प्रदान किया। साथ ही, प्रमुख व्यक्तित्वों में हुमन सिंह, महेश्वर पैकरा और हिंडालको के अधिकारियों की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया। हिंडालको द्वारा सीएसआर के तहत किए गए इस प्रयास की सराहना की जानी चाहिए, जिसने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने और बेटियों के शिक्षा व अधिकारों पर जागरूकता फैलाने में योगदान दिया।यह पहल न केवल एक उदाहरण प्रस्तुत करती है, बल्कि यह संकेत देती है कि आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार, निजी संस्थानों और गैर-सरकारी संगठनों के बीच समन्वय की आवश्यकता है।