नई दिल्ली: साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में मंगलवार (22 अगस्त) से ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आगाज होने जा रहा है। 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज जोहान्सबर्ग के लिए रवाना हो गए हैं। सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की संभावना है।
.प्रधानमंत्री जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ब्राजील, चीन, रूस और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं के साथ वार्ता करेंगे। यह 2019 (कोरोना महामारी) के बाद पहला ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होगा, जिसमें सभी नेता व्यक्तिगत तौर पर मिलेंगे। ।
.प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय मुलाकात की संभावना के बारे में पूछे जाने पर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने सोमवार को कहा कि पीएम का कार्यक्रम अभी भी बनायाजा रहा है। क्वात्रा ने कहा, “जब ब्रिक्स विस्तार की बात आती है तो भारत का इरादा सकारात्मक और हमारा मन खुला है
. अगर, पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होती है तो यह मई 2020 में भारत-चीन सीमा गतिरोध शुरू होने के बाद यह उनकी पहली मुलाकात होगी। दोनों नेताओं ने पिछले साल नवंबर में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो द्वारा बाली में आयोजित जी20 रात्रिभोज में छोटी सी मुलाकात की थी।
. भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में सीमा को लेकर तीन साल से भी ज्यादा समय से टकराव की स्थिति में हैं। जबकि दोनों देशों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई जगहों पर सैनिकों की वापसी सुनिश्चित कर ली है।
. पिछले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स देशों की बैठक के मौके पर शीर्ष चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। डोभाल ने स्थिति को पूरी तरह से सुलझाने के लिए और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए निरंतर प्रयासों के महत्व पर जोर दिया था।
. जानकारी के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 15 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में वर्चुअली शामिल होंगे, जबकि रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे। ब्रिक्स बैठक खत्म करने के बाद पीएम मोदी 25 अगस्त को ग्रीस की यात्रा करेंगे।
. आगामी ग्रीस यात्रा को लेकर पीएम मोदी ने अपने X (ट्विटर) हैडल पर लिखा,”25 अगस्त को मैं ग्रीस का दौरा करूंगा, एक ऐसा देश जिसके साथ भारत के सदियों से सभ्यतागत संपर्क रहे हैं। मैं ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस से बातचीत के लिए उत्सुक हूं। मैं वहां भारतीय समुदाय से भी बातचीत करूंगा।”
. जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद भारत-चीन के संबंध खराब हो गए। यह कई दशकों बाद दोनों देशों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था।
. सैन्य और राजनयिक कई वार्ताओं को बाद दोनों पक्षों ने 2021 में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों और गोगरा क्षेत्र में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की।
. भारत का कहना है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते।