छत्तीसगढ़ एजेंसी: छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। सदन की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से हुई। करीब 40 मिनट राज्यपाल गांव, खेती, ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ही बोलीं। वहीं सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर भी कहा। हालांकि BJP इस पूरे अभिभाषण के दौरान आक्रामक मुद्रा में रही। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी विधायक बृजमोहन अग्रवाल बीच-बीच में बोलते रहे। भाषण समाप्त होने के बाद उन्होने कहा कि राज्यपाल जी आपसे हर कथन असत्य करवाया गया।
राज्यपाल का अभिभाषण में 55 बिंदु थे, लेकिन मूल रूप से सारा फोकस कृषि और गांवों पर ही था। राज्यपाल ने कहा सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हर आयाम पर ध्यान दिया है। खेती के प्रति लोगों का बढ़ता रुझान सरकार की बड़ी सफलता है। प्रदेश के 14 आदिवासी बहुल जिलों में चिराग योजना शुरू हुईं है, इससे इन अंचलों में आजीविका के नए अवसर मिलेंगे। जैविक खेती को राज्य सरकार बढ़ावा दे रही है। गोबर से जैविक खाद बनाया जा रहा है ताकि रासायनिक खाद की कमी से निपटा जा सके।
उन्होंने कहा कि वन पर आश्रित परिवारों को सरकार ने नई ताकत दी है। खेती के लिए 35 हजार से अधिक लंबित पंप कनेक्शन को स्वीकृत किया गया है। डीएमएफ में भी कई सुधार किए गए हैं। ग्रामीण विकास में सरकार ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।पारंपरिक डिजाइन के वस्त्रों को तैयार कराए जा रहे हैं। हस्त शिल्प को नया बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे पहले सदन की शुरुआत राष्ट्रीय गीत और राजकीय गीत से की गई।
आबकारी नीति पर बात, बृजमोहन का विरोध
राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने कोरोना का दूरदर्शिता और तत्परता से मुकाबला किया है। घर पहुंच सेवाएं शुरू की गईं। उन्होंने कहा कि सरकार की नई आबकारी नीति के तहत 99 दुकानों को बंद किया गया है। अवैध शराब की रोकथाम के लिए दो आबकारी संभाग बनाया गया है। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी भाजपा का रूख आक्रामक है। अभिभाषण के बीच में ही विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि घर पहुंच सेवा में केवल शराब उपलब्ध है। वहीं अजय चंद्राकर ने कहा, आपके भाषण की गंभीरता यह है कि न पूरे मंत्री मौजूद हैं और न अधिकारी।
एक लाख करोड़ से अधिक के बजट की उम्मीद
वर्ष 2022-23 का आम बजट 9 मार्च को आना है। बताया जा रहा है, इस बार मुख्य बजट का आकार एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का होगा। वित्त विभाग ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं। यह छत्तीसगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा बजट होगा।
सरकार को घेरने की कोशिश में विपक्ष
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, यह सत्र केवल 13 दिनों का ही है जबकि बजट सत्र लगभग 28 से 29 दिनों का होता रहा है। इसमें बहुत सारे विषयों पर चर्चा, महत्वपूर्ण बिल पर चर्चा, हर विभाग के ऊपर डिस्कशन किया जाता है। इस सत्र में सभी सदस्य भाग लेते हैं, अपनी बात रखते हैं, अपने क्षेत्र की बात रखते हैं, सुझाव देते हैं। कौशिक ने कहा, सत्र को कम करके प्रदेश सरकार क्या साबित करना चाहती है। उन्होंने कहा, हम एक-एक मिनट का उपयोग करेंगे और सरकार की नाकामी को जनता के बीच में उजागर करेंगे।
विपक्ष ने इन मुद्दों पर घेरने की रणनीति बनाई
भाजपा ने सरकार को घेरने के लिए कुछ खास मुद्दों पर होमवर्क किया है। इसमें प्रदेश में रही चाकूबाजी, दुष्कर्म, रेत माफिया, भू-माफिया, खनिज माफिया, कोयला चोरी, अधिकारियों, पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की घटनाएं शामिल हैं। वन्य जीवों की तस्करी, खाद-बीज का संकट, बेरोजगारी सहित दूसरे मुद्दों को भी भाजपा उठाने जा रही है। भाजपा नेताओं ने बताया, हर रोज एक विषय पर काम रोककर चर्चा कराने की सूचना दी जाएगी। इसके अलावा ध्यानाकर्षण और दूसरे तरीकों से सरकार को घेरने की रणनीति बनी है।