मध्यप्रदेश के सागर में एक दर्दनाक हादसे में पिता और दो बेटों की मौत हो गई, हादसा उस वक़्त हुआ जब पिता अपने दोनों बेटों को रात का खाना खाने के बाद कार में घुमाने ले गए थे, इसी दौरान जब घर वापस आए और कार रिवर्स की तो कार करीबन 50 फुट पीछे बिना मुंडेर के कुएं में जा गिरी, कुएं में करीबन 10 फुट पानी भरा था, घटना गुरुवार रात करीबन 10 बजे की बताई जा रही है। हालांकि जब तक कार और उसमें सवार पिता और पुत्रों को बाहर निकाला जाता, तीनों की जान जा चुकी थी।
सागर के मुंडीटोरी इलाके में रेलवे ट्रैक के पास गोविंदनगर कॉलोनी में 40 वर्षीय शिक्षक हिमांशु तिवारी का परिवार रहता है। शिकारपुर माध्यमिक शाला में पदस्थ हिमांशु गुरुवार की रात 14 साल के बेटे नित्यांशु उर्फ बिट्टू तिवारी और 10 साल के धनंजय उर्फ ध्रुव तिवारी को कार से घुमाने निकले थे। हिमांशु रोज आयात में अपनी कार में अपने दोनों बेटों और कालोनी के कुछ बच्चों को घुमाने ले जाते थे, हिमांशु के घर के सामने ही कुछ दूरी पर कुआं है। गुरुवार रात जब बच्चों को घुमाकर वापस आए तो कार घर खड़ी करने के लिए रिवर्स कर रहे थे, तभी अचानक कार की स्पीड बढ़ गई और पीछे की तरफ कुएं में जा गिरी। हिमांशु का एक बेटा दिव्याग है और कुछ दिनों पहले ही यह कार इस बच्चे को घुमाने के लिए खरीदी गई थी, हादसे के वक़्त पत्नी मणिप्रभा घर के अंदर थी। कुएं में कुछ गिरने की आवाज सुनकर लोगों ने उसमें झांका तो कार का हिस्सा दिखाई दिया। इससे अफरा-तफरी मच गई और कॉलोनी के लोग जमा हो गए।
कुएं में कार नजर आते ही हड़कंप की स्थिति बन गई, लोग मदद के लिए एक दूसरे को बुलाने लगे, जिससे जो बन पड़ा, कार और शिक्षक और उनके बेटों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए लोग कर रहे थे, इसी बीच डायल-100 और मोतीनगर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने रेस्क्यू शुरू किया। क्रेन मंगाई गई। इससे कार को बाहर निकाला गया।लेकिन अफसोस की तीनों जिंदगी की जंग हार चुके थे, सबसे पहले हिमांशु का शव नजर आया, जिसे देख चीख-पुकार मच गई। उसके बाद दोनों बच्चे कार से बाहर कुएं के अंदर मिले। पहले छोटे बेटे ध्रुव का शव निकाला। कुछ देर बाद कांटा डालकर बड़े बेटे बिट्टू का शव खोजा गया। देर रात तक पत्नी मणिप्रभा को पति और बच्चों की मौत की खबर नहीं दी गई थी। उन्हें बताया गया था कि तीनों का इलाज चल रहा है।
दर्दनाक हादसे की खबर मिलते ही लोगों की भीड़ हिमांशु के घर पहुँचने लगी लेकिन उनकी पत्नी को इस घटना की जानकारी दी गई मगर तीनों की मौत हो चुकी यह नहीं बताया गया, हादसे से पहले परिवार की आखिरी सेल्फी है। बताया जा रहा है कि कार ऑटोमैटिक थी। हादसे के बाद गोताखोरों ने शवों को कुएं में तलाश किया।जिस कुएं में कार गिरी उसमें मुंडेर नहीं है। कुआं करीब 80 फीट चौड़ा और 50 फीट गहरा है। हादसे से गुस्साए परिजन और रिश्तेदारों ने कुआं मालिक को घटना का जिम्मेदार ठहरा रहे थे। पत्नी मणिप्रभा और परिजन का आरोप है कि कई बार बाउंड्री बनाने के लिए कहा गया, लेकिन अनदेखी की गई। घटना से इलाके में मातम का माहौल है।