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रायपुर:आयुष्मान भारत योजना के तहत छत्तीसगढ़ में कार्यरत 700 स्वास्थ्य मितानों को पिछले चार महीनों से वेतन नहीं मिला है, जिससे वे आर्थिक और मानसिक संकट का सामना कर रहे हैं। इस योजना के तहत राज्य शासन से अनुबंधित कंपनी FHPL के अंतर्गत इनकी भर्ती की गई थी। वर्तमान में नवरात्रि, दशहरा और दीपावली जैसे बड़े त्योहारों के बावजूद मितानों को वेतन न मिलने से उनकी परेशानियां बढ़ गई हैं।

कोरबा जिले के एक स्वास्थ्य मितान, काशीराम पटेल, की पिछले माह एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। उनकी गर्भवती पत्नी और छोटे बच्चे के बावजूद, कंपनी ने अब तक परिवार को किसी प्रकार की सहायता नहीं दी है। इस घटना से स्वास्थ्य मितान समुदाय में भारी नाराजगी है।

वेतन और आर्थिक मदद की मांग को लेकर, स्वास्थ्य मितान रायपुर में स्वास्थ्य मंत्री से मिले। मंत्री ने तुरंत संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ऋतुराज रघुवंशी को वेतन समस्या हल करने के निर्देश दिए। इसके बाद मितान FHPL कार्यालय पहुंचे और राज्य प्रबंधक रिजवान को लेकर स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक के पास अपनी समस्याएं रखीं। सभी मितानों ने संचालक  को वेतन संबंधी ज्ञापन सौंपा।मितानों का कहना है कि पांच महीने बीतने को हैं और अब उनके सामने गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है।

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