कोरिया: कलेक्टर चंदन त्रिपाठी के निर्देशानुसार जिला स्तरीय अधिकारियों की कमेटी गठित कर चितमारपारा पटना स्थित मेसर्स मंगल राईस मिल परिसर के प्रतिनिधि एवं मिल कर्मचारी की उपस्थिति में धान/चावल भंडारण का भौतिक सत्यापन किया गया था, जिसमें मेसर्स मंगल राइस मिल में जांच दल द्वारा भौतिक सत्यापन में धान एवं चावल की कोई मात्रा (स्टॉक) नहीं पाया गया और न ही मिल संचालिका द्वारा भारतीय खाद्य निगम एवं नागरिक आपूर्ति निगम में शासन द्वारा निर्धारित चावल की मात्रा जमा किया गया है। जांच के दौरान मिल प्रतिनिधि एवं कर्मचारी के द्वारा इस संबंध में समाधान कारक जवाब एवं सुसंगत दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने पर मेसर्स मंगल राइस मिल के संचालिका कमला ठाकुर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
जिला खाद्य अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित, नवा रायपुर निर्देश पर खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में भारतीय खाद्य निगम में औसत से कम चावल जमा करने वाले राइसमिलो का भौतिक सत्यापन हेतु गठित जिला स्तरीय जांच समिति के प्रतिवेदन के आधार पर सस्थित किया गया। बता दें मेसर्स मंगल राइसमिल को पहले भी छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 के उल्लंघन के कारण दो वर्ष की कालावधि के लिये काली सूची में दर्ज किया गया था।
मेसर्स मंगल राइस मिल द्वारा समितियों से उठाए गए कुल धान की मात्रा 3 हजार 895 मैट्रिक टन, धान के विरूद्ध एफसीआई/नान जमा किये गये चावल की मात्रा 28.98 मैट्रिक टन, बारदाना 725 नग, शेष बचे धान की मात्रा 3852.17 मैट्रिक टन तथा जमा हेतु शेष चावल की मात्रा 2606.76 मैट्रिक टन था।उपरोक्तानुसार राइस मिल परिसर के प्रतिनिधि एवं मिल कर्मचारी की उपस्थिति में धान/चावल भंडार का भौतिक सत्यापन किया गया था, जिसमें मेसर्स मंगल राइस मिल में जांच दल द्वारा भौतिक सत्यापन में धान एवं चावल की कोई मात्रा (स्टॉक) नहीं पाया गया और न ही मिल संचालिका द्वारा भारतीय खाद्य निगम एवं नागरिक आपूर्ति निगम में शासन द्वारा निर्धारित चावल की मात्रा जमा किया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक मेसर्स मंगल राइसमिल के संचालिका कमला ठाकुर के द्वारा उपार्जन केन्द्रों से उठाये शेष 3852.17 मैट्रिक टन धान का अफरा-तफरी किया गया है, जो छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चायल उपार्जन आदेश 2016 के कण्डिका 3(3).4(3) (5) एवं 6 का स्पष्ट उल्लंघन होकर छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 के कण्डिका 9 के तहत् दण्डनीय है। इसी प्रकार कस्टम मिलिंग नीति 2023-24 के कंडिका 6.18 एवं किये गये अनुबंध पत्रों की शर्तों का भी उल्लंघन किया गया, जिसके लिए मेसर्स मंगला राइसमिल को दोषी पाया गया।
जिला विपणन अधिकारी द्वारा मेसर्स मंगल राइस मिल की संचालिका कमला ठाकुर के विरुद्ध धान के अफरा-तफरी करने के कारण पुलिस में प्राथमिकी (एफ.आई.आर.) दर्ज कराया गया व अमानत राशि बैंक गारंटी/पी.डी.सी./एफ. डी. आर. की राशि में से नियमानुसार वसूली कर समायोजन कराते हुए मिल को तीन वर्षों के लिए काली सूची में दर्ज भी किया गया।