कोरबा। यात्री ट्रेनों की लेटलतीफी से यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। रेल प्रबंधन केवल कोयला लदान पर जोर रहा है। इससे बिलासपुर से आने वाली ट्रेन दो घंटे के बजाए चार- पांच घंटे में पहुंच रही है। ट्रेनों की लेट लतीफी को लेकर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने नाराजगी जाहिर करते हुए समय पर चलाने पत्र लिखा है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) बिलासपुर के महाप्रबंधक आलोक कुमार को लिखे पत्र में राजस्व मंत्री अग्रवाल ने कहा है कि जिन यात्री रेल गाड़ियों का परिचालन कोरबा रेलवे स्टेशन से किया जा रहा है उनके आने व जाने के समय की लेट-लतीफी से आम नागरिकों में भारी आक्रोश व्याप्त है। कोरबा से जाने वाली ट्रेनों से बहुत से यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने बिलासपुर से आगे की कनेक्टिंग ट्रेन या रायपुर से हवाई यात्रा की सुविधा लेना पड़ता है, पर ट्रेनों की लेट-लतीफी से यात्री वंचित हो जाते हैं। मंत्री अग्रवाल ने कहा कि यह सिलसिला कोई एक- दो माह से नहीं बल्कि साल भर से अधिक समय से चल रहा है और निरंतर जारी है। रोजाना चार से छह घंटे की देरी से सभी गाड़ियों का कोरबा पहुंचना आम बात हो गई है। सभी यात्री गाड़ियों को स्टेशनों के आऊटर पर घंटों रोक दिया जाता है, इससे सपरिवार बैठे यात्रियों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
गेवरा स्टेशन से चलाएं सभी ट्रेन
मंत्री ने कहा कि एसईसीआर अंतर्गत कोरबा एक महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र होने के साथ ही ऊर्जाधानी के रूप में विख्यात है । कोरबा क्षेत्र में स्थित एसईसीएल, सीएसईबी, एनटीपीसी व निजी प्रबंधन अंतर्गत राज्य का एकमात्र एल्यूमिनियम उत्पादक संयंत्र स्थापित है। इनमें विभिन्न राज्यों के हजारों लोग अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस दृष्टि से कोरबा को यदि मिनी इंडिया कहा जाए, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। विभिन्न प्रतिष्ठानों विशेषकर एसईसीएल की कोयला खदानों में सेवाएं दे रहे लोगों की सुविधा के लिए गेवरा रोड से सभी यात्री रेल गाड़ियों का परिचालन आरंभ किया गया था। इसे कोविड काल से बंद कर दिया गया। सभी रेल गाड़ियों का गेवरा रोड से नियमित परिचालन आरंभ कराने की मांग की गई, पर रेल प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा।
ठगा हुआ महसूस कर रहे क्षेत्रवासी
उन्होंने कहा कि रेल सुविधाओं के नाम पर कोरबा के आम नागरिक स्वयं को ठगा हुआ महसूस करते हैं और उनमें भारी आक्रोश व्याप्त है। इस व्यवस्था में सकारात्मक रूख अपनाते हुए शीघ्र ही सुधार लाने के लिए यात्री रेल गाड़ियों को महत्व प्रदान कर समय पर परिचालन सुनिश्चित कराया जाता है तो अंचल के निवासियों को बहुत बड़ी सुविधा हो जाएगी अन्यथा आम जनता का आक्रोश कभी भी विस्फोटक हो सकता है और जन आंदोलन का रूप ले सकता है।