कोरिया: डीजे की कोलाहल को लेकर उच्च न्यायालय और छत्तीसगढ़ शासन ने चिंता व्यक्त करते हुए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए थे।
बता दें समस्त डीजे संचालकों को ध्वनि प्रदुषण (विनिमय और नियंत्रण) नियम 2000, कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 एवं मान. सुप्रीम कोर्ट एवं मान हाई कोर्ट के द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों, मापदण्डों एवं गाइडलाइनों का अक्षरशरू पालन करना होता है। न्यायालय, शैक्षणिक संस्थान, सार्वजनिक स्थल जैसे कि आडिटोरियम, होटल, जन प्रतिक्षालय, सभा केन्द्र, लोक कार्यालय, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, पुस्तकालय, खुला मैदान, अस्पताल, लाईब्रेरी एवं शासकीय आवासो में किसी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग वर्जित किया गया है।
विभिन्न आयोजनों के दौरान माननीय हाई कोर्ट व राज्य शासन के निर्देशों की अवहेलना कर तेज आवाज से डीजे बजाने वालों पर कोरिया पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। तीन डीजे संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए डीजे का सामान भी जब्त किया है। डी.जे. संचालकों को निर्धारित ध्वनि सीमा से अत्यधिक आवाज में बजाने के साथ ही छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 15 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध पंजीबद्ध किया गया है। इस दौरान थाना पटना से बचरा पोड़ी निवासी सुनील नाविक, सूरज व पीपरडांड निवासी राजेश डी.जे. संचालक पर न्यायालय के आदेश पर एक-एक हजार रुपए का जुर्माने लगाया गया है जुर्माने की राशि जमा नहीं करने जेल भेजे जाने की कार्यवाही की जाएगी। साथ ही उनके कब्जे से बेस बॉक्स, जनरेटर, एम्प्लीफायर, लैपटॉप आदि उपकरण सहित पिकअप वाहन क्रमांक सीजी 16 ए 1721 को जब्त की गई है। इसके अलावा अन्य डीजे संचालको के ऊपर भी निगरानी रखी गई है।पुलिस प्रशासन ने डीजे संचालकों से अपील की है कि ध्वनि नियंत्रण अधिनियम का पालन करें और आम नागरिकों सहित सभी वर्गों का ध्यान रखें।