बीजापुर: बीजापुर जिले के रेड्डी और कमकानार से आई तस्वीरें सरकारी विकास के दावों की सच्चाई को उजागर कर रही हैं। इलाके में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और उफनती नदियों के कारण ग्रामीणों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। हाल ही में, एक गर्भवती महिला रैनी माडवी, को असहनीय प्रसव पीड़ा के बीच गांव वालों ने खाट पर लादकर उफनती नदी पार कर अस्पताल पहुंचाया। विकल्पों के अभाव में यह जोखिम भरा कदम उठाना उनकी मजबूरी थी।

यह घटना पहली बार नहीं हुई है; हर बारिश के मौसम में इस तरह के दृश्य आम हो जाते हैं। बीजापुर के अंदरूनी क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भस्थ शिशुओं को इन खतरनाक परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जो उनके भविष्य को भी प्रभावित करता है। कई बार ऐसे बच्चे बड़े होकर या तो नक्सली बन जाते हैं या फिर समाज के लिए नासूर बन जाते हैं। हालांकि, यदि सही दिशा और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, तो यही बच्चे फोर्स के बेहतरीन जवान भी बन सकते हैं या समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि विकास का उजाला कब तक अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेगा। सरकार और प्रशासन को इस दिशा में गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे दृश्य भविष्य में देखने को न मिलें।

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