रायपुर। कांग्रेस शासन काल में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) के खिलाफ करीब दो वर्षों में 48 शिकायतें हुई हैं। ये शिकायतें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राज्य गृहमंत्री और मुख्य सचिव तक पहुंची है। अधिकांश शिकायतें राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से की गई है। इनमें रिश्तेदारों को नौकरी देने से लेकर परीक्षा में अनियमितता व भ्रष्टाचार, फर्जीवाड़ा, परिणाम में गड़बडी, पक्षपातपूर्ण कार्य के आरोप लगाए गए हैं।
विधानसभा में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लिखित जवाब में बताया कि सीजीपीएससी के खिलाफ वर्ष-2021 से नवंबर-23 तक 48 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने विधानसभा में यह प्रश्न उठाया।लिखित जवाब के मुताबिक इन शिकायतों में भर्ती में अनियमितता, पुत्र-पुत्री एवं रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर एवं अन्य पदों पर फर्जी तरीके से भर्ती करने, परिणाम में अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं। वर्ष- 2019 में हुई सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर नौ शिकायतें मिली हैं। मुख्यमंत्री ने बताया है इन्हीं शिकायतों के आधार पर सीबीआइ जांच का निर्णय लिया गया है।
पुत्र-पुत्री एवं रिश्तेदारों को फर्जी तरीके से भर्ती करने की आठ शिकायतें हुई हैं। रामपुर से तत्कालीन विधायक ननकी राम कंवर की ओर से प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, राज्यापाल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से पुत्र-पुत्री एवं रिश्तेदारों को फर्जी तरीके से भर्ती करने की शिकायत करके केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की गई है।
दो मई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की गई शिकायत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में पदस्थ अध्यक्ष, सचिव, राजनेता एवं अन्य ने मिलकर अपने पुत्र-पुत्री एवं रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर एवं अन्य पदों पर फर्जी तरीके से भर्ती की गई है।
5 जुलाई 2023 को मुख्य सचिव से की गई शिकायत में कंवर ने उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा डिप्टी कलेक्टर और अन्य पदों की भर्ती के लिए परीक्षा वर्ष-2019 एवं वर्ष-2020 में लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सचिव तथा राजनेता के पुत्र-पुत्री एवं रिश्तेदारों की डिप्टी व अन्य पदों पर फर्जी तरीके से भर्ती की गई है।