भिलाई: भिलाई शहर के बीचो-बीच लोग अवैध आरा मशीन चला रहे थे और वन विभाग को इसकी खबर तक नहीं थी। शिकायत पर डीएफओ दुर्ग ने एसडीओ फॉरेस्ट के नेतृत्व में एक टीम गठित की। टीम ने छापेमार कार्रवाई की तो वहां दो टिंबर मिल के अंदर बिना लाइसेंस के चोरी से 4 आरा मशीन चलती हुई मिली। मशीनों को सील कर कार्रवाई की जा रही है।
वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक भिलाई के मेन मार्केट रामनगर सुपेला में जहाज महल के पास कई टिंबर की दुकानें हैं। यहां लकड़ी का चिरान कर दरवाजे, चौखट, चौकी और कई सामान बनाए जाते हैं। इन टिंबरों के अंदर रोजाना कई ट्रक माल खपाया जाता है। कुछ टिंबर संचालकों ने लकड़ी चिराई करने के लिए आरा मशीन का लाइसेंस भी ले रखा है। कुछ दिनों से वन विभाग को सूचना मिल रही थी कि श्री लक्ष्मी टिंबर और विजय टिंबर मार्ट के अंदर अवैध तरीके से मशीन चलाई जा रही है।वन विभाग की टीम ने रविवार शाम यहां छापेमारी की लोग लकड़ी चिरान करते मिले। जब उन आरा मशीनों का लाइसेंस मांगा गया तो टिंबर के प्रोपराइटर अजय पंडित और विजय टिंबर मार्ट प्रोपराइटर विजय पंडित कोई भी वैध दस्तावेज नहीं दे सके
वन विभाग के अधिकारियों ने दोनों मिल के अंदर बिना लाइसेंसी 2-2 आराम शीन बैंड-सॉ अवैध रूप से संचालित होती मिली। इस पर विभाग ने छत्तीसगढ़ काष्ट चिरान अधिनियम 1984 के तहत जब्ती कार्रवाई करते हुए चारों आरा मशीनों को सील किया। उसके बाद उन्हें गड्ढे से उखाड़कर पुलगांव डिपो ले जाया गया। मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।