जगदलपुर: राका सुजाता और टॉफी उन डॉग्स के नाम हैं जिन्होंने बीते एक साल में 240 से अधिक आइईडी की खोज कर सुरक्षा बल के जवांनों को न केवल सुरक्षा दी है बल्कि उनकी जान भी बचाई है।
नक्सल प्रभावित इलाकों में इन डॉग्स की अहम भूमिका होती है । इनकी मौजूदगी और खतरे को भांपने की खूबी जवांनों को निश्चिंतता देती है।
बस्तर के कई इलाके नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों ने जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए कई प्रकार की आईईडी लगा रखी है । कई बार नक्सलियों के लगाए आईडी की चपेट में आने से कई जवान शहीद हुए हैं कई घायल भी हुए हैं। बस्तर पुलिस जर्मन शेफर्ड लेब्राडोर जैसे डॉग्स को कड़ी मेहनत करवा बेहतर ट्रेनिंग के बाद नक्सल इलाकों में उतारती है ।इनमें इन तीन डॉग्स की अहम भूमिका देखी गई है ।राका सुजाता टॉफी इन तीनों डॉग्स को जवान जंगल में सर्च अभियान पर ले जाते हैं और ये भरोसे पर खरे भी उतरते हैं । नक्सलियों के लगाए आईईडी को खोजने में तीनो डॉग्स महारात रखते हैं।सुजाता हत्या लूट डकैती जैसी बड़ी घटनाओं में अहम भूमिका निभा चुकी हैं।बस्तर आईजी सुंदर राज पी ने बताया कि आने वाले समय में और डॉग्स को लाकर ट्रेनिंग दी जाएगी और नक्सलियों के इलाकों में भेजा जाएगा।