रायपुर: राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित विकास प्रदर्शनी के दौरान आज मुख्य मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति हुई। इस दौरान नवापारा राजिम के लोक प्रयाग दल ने कई मनमोहक कायक्रमों की प्रस्तुति दी। 35 सदस्यों के इस दल ने गणपति वंदना कर अपने प्रस्तुति शुरू की। वहीं लगभग अलग-अलग थीम पर आधारित 15 प्रस्तुतियों में छत्तीसगढ़ी संस्कृति के कई रंग देखने को मिले। इन सभी प्रस्तुतियों के दौरान मंच के सामने मौजूद दर्शक झूमते दिखे।
गौरतलब है कि राज्य सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर छत्तीसगढ़ में हुए विकास की गाथा को लोगों तक पहुँचाने के लिए राजधानी में विकास प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन मुख्य मंच पर किया जा रहा है। आयोजन के तीसरे दिन आज कला समूह ‘लोक प्रयाग’ द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी गई। मंच पर आते ही इस दल ने लोक कला और धार्मिक आस्था का अनुपम संयोजन कर गणपति वंदना की। इसके बाद दंतेवाड़ा में मौजूद देवी माँ दंतेश्वरी माई को अपनी प्रस्तुति के माध्यम ये प्रसन्न करने की कोशिश की। इसमें देवी दंतेश्वरी माई की डोली और होली के समय निभाए जाने वाले रस्म का नजारा देखने को मिला। इस कड़ी में “पवन पुरवाई गीत कोइली सुनाए” गीत के बोल में करमा की पेशकश दी गई। फिर लोक संस्कृति से बिसरते बाँस गीत और बसदेवा गीत को पुनर्जीवित करने के प्रयास में माटी से जुड़ी अनुपम प्रस्तुति दी। समूह ने बीते तीन महीने में यूट्यूब पर 36 लाख व्यूअर्स के साथ छाए अपने ‘प्रीतम’ गीत को भी पेश किया। इस क्रम को जारी रखते हुए ‘एक फौजी‘ की देशभक्ति और पारिवारिक मोह को दिखाने वाले ‘निर्माेही’ की प्रस्तुति दी।
नए अंदाज में “अरपा पैरी के धार” को किया पेश :
लोक प्रयाग कला दल ने छत्तीसगढ़ के राजकीय गीत “अरपा पैरी के धार” को नए और बड़े ही रोचक अंदाज़ में पेश किया। कलाकारों ने अपनी पेशकश में एक किसान और उसकी पत्नी का माटी के लिए प्रेम को इसमें दिखाया गया। इस प्रस्तुति में पंडवानी, पंथी, हल्बी, राउत नाचा, सुआ और बस्तरिया परिधान को समाहित किया गया था।
पेशकश में राजिम की महिमा को बताया:
लोक प्रयाग ने अपना टाइटल सॉन्ग बनाया है, जिसमें राजिम नगरी और राजिम में स्थित विभिन्न धार्मिक आस्था के केन्द्र में अपने गीत का हिस्सा बनाया है। अपनी पेशकश के दौरान लोक प्रयाग ने राजिम की महिमा के साथ राजिम में आयोजित होने वाले पुन्नी मेला, भगवान राजीवलोचन और कुलेश्वर महादेव की महिमा को आकर्षक अंदाज में प्रस्तुत किया।