भिलाई: भिलाई में बिजली विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी के साथ उसी के दोस्त के बेटे ने धोखा कर 18 लाख रुपए पार कर दिए। उसने बुजुर्ग के एंड्रायड मोबाइल में ऑनलाइन बैंकिंग एप डाउनलोड करके यूपीआई जनरेट कर दिया। इसके बाद 6-7 महीने में 18 लाख रुपए अपनी पत्नी के अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए। जब बुजुर्ग का बेटा एटीएम पहुंचा तो पता चला कि उसके खाते में रकम ही नहीं है। इसके बाद उसने मामले की शिकायत पुलिस में की। पुलिस ने आरोपी सहित उसकी पत्नी और एक अन्य महिला को गिरफ्तार किया है।
दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि पुलगांव थाना अंतर्गत ग्राम बोरई निवासी शेष कुमार साहू बिजली विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। उन्होंने अपने बेटे बलराम साहू के साथ पुलगांव थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उसके बैंक अकाउंट से 18 लाख रुपए किसी ने निकाल लिए हैं। बुजुर्ग ने बताया कि रिटायरमेंट फंड मिलाकर उसके खाते में करीब लाख 18 लाख रुपए थे। उसका खाता एसबीआई बैंक सेक्टर-1 में है।
शेष कुमार की तबीयत हाल ही में खराब हुई तो इलाज के लिए पैसों की जरूरत थी। पिटा ने अपने बेटे बलराम को एटीएम देकर रुपए निकालने के लिए भेजा था। बलराम जब एटीएम से पैसे निकालने गया तो पता चला कि खाते में मात्र 260 रुपए हैं। इसके बाद वह बैंक पहुंचा। वहां पता चला कि उसके खाते से 18 लाख रुपए नेट बैंकिंग से ट्रांसफर किए गए हैं। इतनी रकम निकालने के लिए आरोपी ने 7 माह में करीब 80 ट्रांजेक्शन किए थे।
एसपी ने मामले का पता करने के लिए साइबर सेल की टीम को लगाया। टीम ने मामले की जांच शुरु की। इसमें पता चला की शेष कुमार की जवाहर नगर निवासी वीरेन्द्र गुप्ता से अच्छी जान पहचान थी। पुलिस ने ट्रांजेक्शन डिटेल्स मिलाया तो पता चला कि रुपए किसी काजल गुप्ता के खाते में ट्रांसफर हुई है। काजल गुप्ता और कोई नहीं वीरेंद्र गुप्ता की बहू है। जांच में पता चला कि बेटा चंद्रशेखर गुप्ता, बहू काजल और उनकी बेटी बिलासपुर काजल के मायके गए हैं। टीम ने वहां काजल को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसका पति चंद्रशेकर गुप्ता और ननद नेहा गुलहरे ने मिलकर उसके खाते में पैसा ट्रांसफर किए हैं। पुलिस ने तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।