बलरामपुर: गत दिवस एक हृदय विदारक घटना में ग्राम अमडंडा के शासकीय प्राथमिक शाला के एक 7 वर्षीय बालक की परिसर में स्थित कुएं में डूबने से मृत्यु हो गई थी। घटना की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए कलेक्टर कुन्दन कुमार व पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू ने आज ग्राम अमडंडा में शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की तथा उन्हें ढांढस बंधाया। कलेक्टर श्री कुमार ने ग्रामीणजनों से बात करते हुए पूरे घटना की जानकारी ली तथा उचित कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया। घटना की पूरी जानकारी लेने के उपरांत उन्होंने तत्काल संकुल समन्वयक को निलंबित करने के निर्देश दिए तथा विकासखंड शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा। साथ ही एसडीएम को बिंदुवार पूरी घटना के कारणों की जांच कर प्रतिवेदन शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए तथा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के माध्यम से दी जाने वाली सहायता राशि को तत्काल मृतक के परिवार को प्रदाय करने को कहा। कलेक्टर द्वारा परिसर में अनुपयोगी कुएं को तत्काल पाटने के निर्देश दिए जाने पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है तथा जर्जर हो चुके भवन को डिस्मेंटल किया जा रहा है।तत्पश्चात कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने अमडंडा स्कूल भवन का भी निरीक्षण किया तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को निर्देशित करते हुए भवन निर्माण के दौरान तात्कालिक जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अनुविभागीय अधिकारी, उप अभियंता व ग्राम पंचायत के सचिव को भी गुणवत्ताहीन भवन निर्माण के लिए कारण बताओ नोटिस जारी कर जांच के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि शाला भवन में जो भी दिक्कतें है उसे तत्काल दूर किया जाए तथा परिसर में बने रसोईघर का तत्काल सुधार करें। कलेक्टर कुन्दन कुमार ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत से कहा कि जिले के सभी स्कूल, आश्रम व छात्रावासों में जितने अनुपयोगी कुएं हैं, उन्हें पाट दिया जाए तथा उपयोग हो रहे कुएं का घेराव सुनिश्चित करें। साथ ही जर्जर हो चुके भवनों को भी आगामी एक माह में डिस्मेंटल करने को कहा। कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने बच्चे के परिजन व ग्रामीणजनों से चर्चा कर शिक्षकों की उपस्थिति व व्यवहार के बारे में जानकारी ली। सरपंच व ग्रामीणजनों के मांग पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को अतिरिक्त कक्ष व बाउंड्रीवॉल का प्राक्कलन तैयार कर भेजने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी और डीएमसी को नियमित रूप से स्कूल भ्रमण कर अधोसंरचना तथा परिसर की व्यवस्था व शाला संचालन की जानकारी से सतत् अवगत कराने को कहा।