अंबिकापुर: कलेक्टर विलास भोसकर की अध्यक्षता में शनिवार को जिले के सभी शासकीय और सीबीएससी पाठयक्रम संचालित अशासकीय हाईस्कूल व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्यों की समीक्षा बैठक शासकीय बहु. उ.मा. विद्यालय अम्बिकापुर के सभा कक्ष में आयोजित की गई।
कलेक्टर ने बैठक में शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम वाले स्कूलों और बोर्ड परीक्षा में खराब प्रदर्शन वाले स्कूलों की समीक्षा की और उनसे सीधे बात कर सफलता और असफलता के कारणों को जाना। जिले में 12 शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल ऐसे हैं जिनका परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा है। इसी तरह 38 हाई स्कूलों का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा। इन स्कूलों के प्राचार्यों ने बताया कि स्कूल में उपस्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके साथ ही प्रतिदिन कार्ययोजना के अनुरूप बच्चों को शिक्षा दी जा रही है।
प्राथमिक शिक्षा को करना होगा मजबूत, प्राचार्यों से लिए सुझाव –
बैठक में कलेक्टर ने प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा के स्तर को मजबूत करने के संबंध में प्राचार्यों से सुझाव लिए। उन्होंने बताया कि प्राथमिक शाला के स्तर पर ही शिक्षा को मजबूत करना होगा जिससे आगे की कक्षाओं में बच्चों को आसानी हो। कलेक्टर ने इस सुझाव पर संज्ञान लिया और कहा कि प्राथमिक शालाओं में व्यवस्था में सुधार किया जायेगा।
शहरी क्षेत्र और दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में परीक्षा परिणाम में तुलनात्मक अंतर हो सकता है। हमें प्रयास करना होगा कि परीक्षा परिणाम बेहतर हो, अधिक से अधिक बच्चे बेहतर अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण करने में सक्षम हो सकें। यदि प्राचार्य चाहे तो स्कूलों के परिणाम बेहतर हो सकता है।
कलेक्टर ने कहा कि हर माह प्राचार्यों के साथ बैठक की जाएगी, जिसमें उनकी रणनीति पर चर्चा होगी। माइक्रो लेवल पर बेहतर परिणाम की तैयारी करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने हायर सेकेण्डरी स्कूल के प्राचार्यों को जेईई और नीट के लिए बच्चे चिन्हांकित कर सूची देने के निर्देश दिए। शासकीय स्कूलों में कक्षा 10वीं एवं 12वीं के परीक्षा परिणाम, कार्ययोजना सहित कलेक्टर ने ड्रॉप आउट रेट पर चर्चा की।
कलेक्टर ने ली जिले के निजी स्कूलों के संचालक, प्राचार्यों की बैठक
बैठक में कलेक्टर श्री भोसकर ने निजी स्कूल संचालकों से स्कूलों में विद्यार्थियों के संख्या एवं उपस्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में एनसीईआरटी के अतिरिक्त अन्य प्रकाशकों की पुस्तकों का उपयोग नहीं किया जाये, इससे पालकों पर आर्थिक दबाव पड़ता है। उन्होंने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि अनिवार्य रूप से बेसिक विषयों की किताबें एनसीईआरटी की ही उपयोग किया जाए। विद्यालय में पेयजल की समुचित व्यवस्था एवं उपलब्धता की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि स्कूलों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था हो, इसके लिए आरओ लगवाएं। वहीं शौचालय की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। इस दौरान कलेक्टर ने विद्यालयों में शिकायत पेटी की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से पालक- शिक्षक बैठक का आयोजन किया जाए, जिसमें पालकों से पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के व्यवहार के सम्बन्ध में चर्चा करें। शिक्षक बच्चों की समस्या समझें, उनसे बात करें तथा बच्चों के प्रति व्यवहार अच्छा रखें। समय-समय पर बच्चों की काउंसलिंग करवाएं, आवश्यकता पड़ने पर प्रशासन से सम्पर्क करें।