अभिषेक सोनी
बलरामपुर : बलरामपुर जिले अन्तर्गत विकासखण्ड रामचन्द्रपुर के पंडो निवासरत क्षेत्रों में 5 पंडो जनजाति लोगों की खून की कमी से मृत्यु से होने की सूचना विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने पर कलेक्टर रिमिजियुस एक्का द्वारा तत्काल संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जांच में पाया गया कि पण्डो जनजाति लोगों की अलग-अलग कारणों से मृत्यु होना पाया गया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अन्य विभागीय समन्वय से कैम्प व घर-घर स्वास्थ्य जांच किया भी जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जांच में पाया गया कि पण्डो जनजाति लोगों की अलग-अलग कारणों से मृत्यु होना पाया गया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अन्य विभागीय समन्वय से कैम्प व घर-घर स्वास्थ्य जांच किया भी जा रहा है।उन्होंने बताया कि जिले में पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा एवं पण्डों समुदाय के बसाहटों के सभी गावं में मौके पर ही ईलाज की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु गत वर्ष181 विशेष कैम्प आयोजित किया गया। जिसमें बी०पी०, शुगर, दिव्यांग जांच, एच.बी. जांच, ए०एन०सी०, सिकलीन, टी०बी०, डायरिया एवं मोतियाबिंद की जांच लगातार की गई है तथा मौके पर उपचार उपलब्ध कराया गया है।
उन्होंने बताया कि जिले में पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा एवं पण्डों समुदाय के बसाहटों के सभी गावं में मौके पर ही ईलाज की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु गत वर्ष181 विशेष कैम्प आयोजित किया गया। जिसमें बी०पी०, शुगर, दिव्यांग जांच, एच.बी. जांच, ए०एन०सी०, सिकलीन, टी०बी०, डायरिया एवं मोतियाबिंद की जांच लगातार की गई है तथा मौके पर उपचार उपलब्ध कराया गया है।इस वर्ष 2024 में विशेष पिछड़ी जनजाति बसाहटों में विशेष कैम्प का का आयोजन किया गया जा रहा है। जिसमें आज दिनांक तक विकासखण्ड रामचन्द्रपुर हेतु कुल 208 शिविर आयोजित कर बी०पी०, शुगर, दिव्यांग जांच, एच.बी. जांच, ए०एन०सी०, सिकलीन, टी०बी०, डायरिया एवं मोतियाबिंद की जांच एवं उपचार किया जा रहा है।
इस वर्ष 2024 में विशेष पिछड़ी जनजाति बसाहटों में विशेष कैम्प का का आयोजन किया गया जा रहा है। जिसमें आज दिनांक तक विकासखण्ड रामचन्द्रपुर हेतु कुल 208 शिविर आयोजित कर बी०पी०, शुगर, दिव्यांग जांच, एच.बी. जांच, ए०एन०सी०, सिकलीन, टी०बी०, डायरिया एवं मोतियाबिंद की जांच एवं उपचार किया जा रहा है।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जानकारी दी है कि ग्राम तालकेश्वरपुर की श किसमतिया पण्डो (मृतिका) गर्भवती थी तथा पैर से दिव्यांग थी। फुल डाईलेटेशन नहीं होने और दिव्यांग होने के कारण 23 जुलाई 2024 को पीएचसी डिण्डों में जांच कर उनको सी.एच.सी. वाड्रफनगर रेफर किया गया। तत्पश्चात् अम्बिकापुर रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल/मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में भर्ती कर ऑपरेशन 24 जुलाई 2024 को समय प्रातः 5 बजे किया गया। जिसमें मृत बच्चा पैदा हुआ। उसके कुछ समय बाद लगभग 9.30 बजे महिला की भी मृत्यु हो गयी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जानकारी दी है कि ग्राम तालकेश्वरपुर की श किसमतिया पण्डो (मृतिका) गर्भवती थी तथा पैर से दिव्यांग थी। फुल डाईलेटेशन नहीं होने और दिव्यांग होने के कारण 23 जुलाई 2024 को पीएचसी डिण्डों में जांच कर उनको सी.एच.सी. वाड्रफनगर रेफर किया गया। तत्पश्चात् अम्बिकापुर रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल/मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में भर्ती कर ऑपरेशन 24 जुलाई 2024 को समय प्रातः 5 बजे किया गया। जिसमें मृत बच्चा पैदा हुआ। उसके कुछ समय बाद लगभग 9.30 बजे महिला की भी मृत्यु हो गयी।
ग्राम धौली की कलावती पण्डो (मृतिका) को 31 अगस्त 2024 को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर रात्रि 10.30 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सनावल में उचित उपचार उपरांत प्रसव सामान्य नहीं होने के कारण 100 बिस्तरीय अस्पताल वाड्रफनगर में रेफर किया गया। मरीज का बी.पी अत्यंत बढ़ा हुआ था तथा फुल डाईलेटेशन एवं गंभीर अवस्था में थी ईलाज कर सामान्य स्थिति में लाने का प्रयास किया गया। परन्तु ड्यूटीरत स्टाफ के निरंतर प्रयास के बावजूद सामान्य अवस्था नही हो पाया तथा मरीज की मृत्यु हो गई।
इसी प्रकार ग्राम ओरंगा निवासी सुरेन्द्र पण्डो (मृतक) द्वारा दुद्धी, उत्तर प्रदेश से किडनी में सूजन एवं खून की कमी का ईलाज कराया जा रहा था। इस दौरान 25 अगस्त 2024 को जिला अस्पताल अंबिकापुर में दो यूनिट खून भी चढ़ाया गया। अंबिकापुर से वापस आने के बाद फिर से दुद्धी, उत्तर प्रदेश में ईलाज करा रहा था। इसी दौरान अचानक तबियत खराब होने से उसकी मृत्यु हो गयी।
ग्राम टाटीआथर निवासी रामबसावन पण्डो (मृतक) को सर्दी-खांसी अधिक होने के कारण प्रा.स्वा.केन्द्र डिण्डो ले जाकर जांच कराकर दवा दिया गया। मरीज के द्वारा 10-12 दिन तक खाना छोड़ देने से ज्यादा कमजोरी होने के कारण 5 सितंबर 2024 को एम्बुलेंस से प्रा.स्वा.केन्द्र डिण्डो लेकर गये। वहां जांच कर दवा देकर सीएचसी वाड्रफनगर रेफर किया गया। उसके बाद सीएचसी वाड्रफनगर में भर्ती कर ईलाज किया जा रहा था। उसी रात लगभग 09 बजे मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर के लिए रेफर किया गया। वहां लगभग 11 बजें भर्ती उपरांत ईलाज चल रहा था। दूसरे दिवस 6 सितंबर 2024 को रात लगभग 02.00 बजे अस्पताल में ईलाज के दौरान मृत्यु हो गयी।
ग्राम पिपरपान की फुलकुवर पण्डो (मृतिका) टी.बी. की मरीज थी। जिनका पूर्ण ईलाज हो चुका था। उसके बाद वह पुरी तरह ठीक भी हो गयी थी। मरीज की तबियत खराब होने पर अम्बिकापुर अस्पताल ले जाया गया। जांच में पाया गया कि फेफड़ा से पानी निकल गया परंतु सूजन कम नहीं हुआ और कुछ दिन बाद महिला को लकवा हो गया। जिस कारण वह बिस्तर से उठ-बैठ नहीं पा रही थी। जिससे उसकी स्थिति और ज्यादा गंभीर हो गयी, फेफड़े में सूजन और लकवाग्रस्त होने के कारण 4 सितंबर 2024 को मृत्यु हो गयी।