रायपुर: वर्षा का मौसम आते ही जहरीले सांप, बिच्छू और कीड़े-मकोड़ों के काटने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में लोगों का जागरूक होना बहुत जरूरी होता है। यदि आपके आसपास किसी व्यक्ति को सांप, बिच्छू या कोई जहरीला कीड़ा काट ले तो उसे तत्काल निकटतम शासकीय स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाएं।
एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आइडीएसपी) के राज्य नोडल अधिकारी डा. धर्मेंद्र गहवई ने बताया कि लगातार बढ़ रहे सर्पदंश के मामलों को देखते हुए अब जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, सिविल अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी स्नेक वेनम रखने की व्यवस्था की गई है। कई बार जहरीले सांप काटने के बाद एक से डेढ़ घंटे के भीतर पीड़ित को इलाज नहीं मिलने से उसकी मौत हो जाती है, इसलिए पीड़ित को जितनी जल्दी हो सके निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए ले जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि सभी सांप जहरीले नहीं होते। अधिकतर मौतें सांप काटने के बाद घबराहट के कारण हो जाती है। वर्तमान में जहरीले सांप के काटने पर भी इलाज मौजूद है। एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन से सांप के जहर को पीड़ित के शरीर से कम किया जाता है। सांप काटने पर झाड़-फूंक या बैगा-गुनिया के चक्कर में न पड़कर बिना देर किए निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।
ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश के ज्यादा मामले
सांप काटने की घटनाएं ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों में अधिक होती है। बहुत से ग्रामीण वर्षा के मौसम में भी जमीन पर सोते हैं। इससे उनके सर्पदंश के शिकार होने की आशंका और अधिक बढ़ जाती है। सर्पदंश से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार ग्रामीणों को वर्षा के मौसम में जमीन पर नहीं सोने और मच्छरदानी लगाकर सोने की सलाह दी जाती है।