बलरामपुर: बलरामपुर जिले के सनावल थाना क्षेत्र में शासकीय उचित मूल्य की दुकान के संचालन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। सरपंच पति के साथ मारपीट और जातिसूचक गालियों के इस मामले ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
जानिए क्या है पूरा मामला?
प्रार्थी रामधनी सिंह, निवासी मिनवाखाण्ड, चम्परिया पारा ने पुलिस को बताया कि 22 सितंबर 2024 को उचित मूल्य दुकान के संचालक जाकिर उर्फ जाफीर ने दुकान को घर से संचालित करने को लेकर विवाद किया। जब रामधनी सिंह ने इसका विरोध किया तो जाकिर और उसके साथियों नूरेनबी, मुख्तार, सद्दाम हुसैन, साकीर और अली हुसैन ने मैनुद्दीन के घर के पास मुख्य मार्ग पर उनका रास्ता रोक लिया।
आरोपियों ने प्रार्थी के साथ जातिसूचक गालियां दीं और डंडों से मारपीट की। पीड़ित ने तुरंत थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच के दौरान रामधनी सिंह ने अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया। इसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(1) द.घ को जोड़ा गया।
पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विश्व दीपक त्रिपाठी के निर्देशन में पुलिस ने आज, 11 नवंबर 2024, को जाकिर उर्फ जाफीर, नूरेनबी, साकीर, सद्दाम और मुख्तार को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया। सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी सनावल, निरीक्षक अजय कुमार साहू के नेतृत्व में सउनि गौटिया राम मराबी, आरक्षक अभिषेक पटेल और सुरेंद्र उईके ने अहम भूमिका निभाई।