बलरामपुर।बलरामपुर जिले के राजपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत चंद्रगढ़ में जनपद पंचायत की शासकीय राशि का जमकर बंदर बाट हो रहा है।ग्राम पंचायत के तत्कालीन सचिव के द्वारा ग्राम वासियों के व्हाट्सएप ग्रुप मे अपने द्वारा हस्त लिखित सूचना जारी किया गया है।जिसमें उल्लेख है कि सीसी रोड चालू करने के नाम पर 3 लाख 800 रुपए राजपुर जनपद कार्यालय से जारी करने के बावजूद आज दिनांक तक निर्माण कार्य चालू नहीं हो पाया है।जिससे ग्रामवासियों और आमजनों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

जानकारी के मुताबिक व्हाट्स ऐप ग्रुप में वायरल तत्कालीन पंचायत सचिव सत्यनारायण यादव ने 30 जनवरी को लिखित में यह उल्लेख किया है कि ग्राम पंचायत चंद्रगढ़ में अर्जुन के घर से नाला तक सीसी रोड निर्माण के कार्य जनपद मद से वर्तमान जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 14  के जनपद सदस्य सुकुल साय के द्वारा स्वीकृत कराया गया था। जनपद सदस्य  के द्वारा सीसी. रोड निर्माण प्रारंभ करने के लिए गिट्टी एवं बालू भी गिराया गया है।गिट्टी और बालू गिरवाने के पश्चात जनपद सदस्य के कहने पर ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिव के द्वारा दो एजेंसी महामाया एजेंसी और आदित एजेंसी को डीएससी. के माध्यम से भुगतान तीन माह पूर्व किया जा चुका है और आज दिनांक तक सुकूल साय पैंकरा के द्वारा सीसी. रोड का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया।

सूचना पत्र जारी होते ही क्षेत्र में चर्चाओं का दौर जारी है। ये भी चर्चा में है कि उच्च अधिकारियों का इन्हें खुला संरक्षण प्राप्त है जिससे इन पर कभी कार्रवाई नहीं हो पाती और ये शासकीय राशि का खुलकर बंदरबाट कर लेते है।ऐसा कहना इसलिए लाजमी होता है कि उक्त सूचना पत्र को लेकर निर्माण कार्य के विषय में ग्रामीणों से चर्चा की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि यह तो मालूम है कि यहां सीसी रोड निर्माण के लिए पास हुआ है पर उन्होंने यह भी कहा कि यहां कोई भी कार्य होने की सूचना तब लगती है जब कार्य पूर्ण हो जाता है,और कार्य दिखता नहीं।

कार्यालय में बैठे संबंधित अधिकारियों द्वारा निर्माण कार्य के दौरान निरीक्षण नहीं किया जाता है। ना ही निर्माण कार्यों के गुणवत्ता की जांच की जाती है। जिस कारण निर्माण कार्य सिर्फ कागज़ों में ही सीमित रह जाता है और ग्रामवासियों को छला जाता है। बहरहाल जो भी हो यह गंभीर मामले ग्राम पंचायत मॉनिटरिंग के लिए सचिव की नियुक्ति की जाती है इसके अलावा कार्य के मूल्यांकन के लिए मूल्यांकन अधिकारी भी नियुक्त किए जाते है जिसके बावजूद इस तरह के बातें सामने ग्राम पंचायत के लिए चिंताजनक विषय है।अब देखना यह है कि पूर्व सचिव के द्वारा ग्रामवासियों को दिए गए सूचना पत्र का असर होता है या मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा l

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