अभिषेक सोनी
बलरामपुर/राजपुर।बलरामपुर जिले के राजपुर, पस्ता थाना, बरियों चौकी, शंकरगढ़ थाना व कुसमी थाना में विजयादशमी के दिन हिंदू परंपरा के साथ शस्त्र पूजन मंत्रोचार के साथ की गई। विजयादशमी के दिन थाना प्रभारी भारद्वाज सिंह ने जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में हिंदू परंपरा के साथ पुजारी को बुलाकर शस्त्र पूजन कराकर प्रसाद वितरण किया। थाना प्रभारी भारद्वाज सिंह ने कहा कि शस्त्र पूजन हिंदुओं की बहुत पुरानी हिंदू परंपरा है हर दशहरे पर शस्त्र पूजन करते हैं, इसी कड़ी में शस्त्र पूजन की जा रही है। वही पस्ता में थाना प्रभारी विमलेश सिंह, बरियों चौकी में शुभाष कुजुर, शंकरगढ़ में थाना प्रभारी जितेंद्र सोनी व कुसमी में थाना प्रभारी जितेंद्र जायसवाल ने शस्त्र पूजन की।
राजपुर थाना प्रभारी भारद्वाज सिंह ने कहा कि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी मनाई जाती है। इस दिन देवी अपराजिता की पूजा की जाती है। इस पूजा में मां रणचंडी के साथ रहने वाली योगनियों जया और विजया को पूजा जाता है। इनकी पूजा में अस्त्र-शस्त्रों को सामने रखकर पूजा करने की परंपरा रामायण और महाभारत काल से चली आ रही है। हमारी सेना आज भी इस परंपरा को निभाती है और विजयादशमी के दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा करती है। पूजा से आत्मिक शांति भी मिलती है।
पस्ता थाना प्रभारी विमलेश सिंह ने कहा कि दशहरे के दिन शस्त्र पूजा करने की परंपरा आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से चली आ रही है। प्राचीन समय में राजा अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए इस दिन शस्त्र पूजा किया करते थे। साथ ही अपने शत्रुओं से लड़ने के लिए शस्त्रों का चुनाव भी किया करते थे।
बरियों चौकी प्रभारी शुभाष कुजुर ने कहा कि विजय के प्रतीक दशहरा वाले दिन देश भर में अस्त्र-शस्त्र की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस दिन जो भी काम किया जाता है उसका शुभ फल अवश्य प्राप्त होता है। वहीं यह भी माना जाता है कि शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए इस दिन शस्त्र पूजा अवश्य की जानी चाहिए। दशहरा क्षत्रियों का बहुत बड़ा पर्व है। इस दिन ब्राह्मण सरस्वती पूजन और क्षत्रिय शस्त्र पूजन करते हैं। शस्त्र पूजन के दौरान पुलिसकर्मी उपस्थित थे।