रायपुर: पीलिया गर्मियों में होने वाली एक गंभीर बीमारी है। पीलिया होने पर आंखों व नाखून का रंग पीला होने लगता है। यदि शरीर में थकान महसूस होने के साथ पाचन तंत्र खराब रहने लगता है, तो सतर्क होने की आवश्यकता है। आंखें व त्वचा तभी पीली होती है, जब शरीर में बिलुरुबिन (पीला पदार्थ) की मात्रा बढ़ जाती है। बिलुरुबिन लिवर में जाता तो है, लेकिन मात्रा अधिक होने से न तो पच पाता है और न ही सही मात्रा में शरीर से निकल पाता है। इससे लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचने के साथ इस अंग के पाइप, बाइल डक्ट आदि में भी संक्रमण हो जाता है। लाल रुधिर कणिकाओं (आरबीसी) के टूटने से भी बिलुरुबिन लेवल बढ़ता है।
राज्य हेपेटाइटिस (पीलिया) नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. धर्मेन्द्र गहवई ने बताया कि शरीर में आँखों व नाखून का पीला होना, पेशाब का पीला होना, बुखार आना, उल्टी आना, पेट में दर्द व चक्कर आना पीलिया के प्रमुख लक्षण हैं। पीलिया का प्रमुख कारण खराब पानी का सेवन, दूषित भोजन करना, ज्यादा मसालेदार और नमक का सेवन करना, लिवर में घाव होना, मलेरिया से पीड़ित होना और थैलीसीमिया (शरीर में खून बनने की रफ्तार का धीमा होना) है। अधिक शराब पीने वालों को पीलिया का खतरा अधिक होता है। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। पीलिया होने पर व्यक्ति को खानपान का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। इससे लिवर सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। पीलिया के लक्षण दिखाई देने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं या एएनएम या मितानिन से संपर्क करें।
पीलिया से बचाव
डॉ. गहवई ने बताया कि पीलिया से बचने के लिए साफ पानी ही पीना चाहिए। साफ पानी पीने से पीलिया का खतरा काफी कम हो जाता है। पीलिया के मरीजों को उबले हुए पानी का सेवन करना चाहिए। पीलिया होने पर संतुलित व हाइजेनिक भोजन करना चाहिए। स्ट्रीट फूड से परहेज करना चाहिए। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। पीलिया से पीड़ित मरीज़ को नियमित रूप से हल्की एक्सरसाइज करना चाहिए। इसके रोगी को शराब का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।