सूरजपुर: कलेक्टर डॉ0 गौरव सिंह के निर्देश पर जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी राहुल देव के मार्गदर्शन में जनपद पंचायत सूरजपुर, रामानुजनगर एवं भैयाथान के जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं समस्त जनपद सदस्यों को जिला पंचायत संसाधन केंन्द्र सूरजपुर में विगत तीन दिनों से प्रशिक्षण आयोजित किया गया प्रषिक्षण का संचालन संकाय सदस्य निरोज सिंह के द्वारा 03 दिवसीय प्रषिक्षण का संचालन किया गया। प्रषिक्षण के दौरान 73 वां संविधान संषोधन, ग्राम पंचायत स्तर पर मनरेगा का काम-काज एवं संचालन, स्वच्छ भारत मिषन जनपद पंचायत के बैठक तथा कामकाज का संचालन नियम , जनपद पंचायत की स्थायी समिती का कार्य जनपद पंचायत के संसाधन वृद्वि के उपाय अनुसूचित क्षेत्र में पंचायतों के लिये विषिष्ट उपबंध, ई-पंचायतों में सूचना, शिक्षा एवं संचार तकनीकी का विकास सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 एवं सेवा गारंटी अधिनियम पर चर्चा किया गया। कल अन्तिम दिन जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने सभी को बाल अधिकार के संरक्षण में पंचायतों की भूमिका पर व्याख्यान दिया एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जनपद सदस्यों से विस्तृत चर्चा की। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने कानूनी जानकारी को बड़े रोचक ढंग से प्रस्तुत किया। राज्य बाल संरक्षण समित, जिला बाल संरक्षण समिति विकास खण्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति, नगर पालिका, नगर पंचायत एवं वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की भूमिका उसके कार्य की जानकारी दी। बच्चों के संवैधानिक अधिकार, सुरक्षा का अधिकार, कन्या भू्रण हत्या पर रोक एवं लिंग भेद को समाप्त करने का आह्वान जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने किया। जिले में होने वाले बाल विवाह पर रोक लगाने हेतु प्रत्येक पंचायत में विवाह पंजी का संधारण कराने और प्रत्येक विवाह का अनिवार्य पंजीयन कराने हेतु बताया गया। साथ ही बाल विवाह के होने वाले दुस्परिणाम एवं बाल विवाह होने पर कानूनी दण्ड के संबंध मंे जानकारी दिया गया। गांव में होने वाले बाल मजदूरी में पंचायत की भूमिका बहुत अहम है। बच्चों को मजदूरी से छुड़ा कर उसे प्रतिशत शिक्षा से जोड़ना है। बच्चों को योन शोषण से बचाने की जिम्मेदारी भी ग्राम पंचायत की है। क्योंकि प्रत्येक बच्चें को जागरुक करना है, उन्हें अपने शारीरिक परिवर्तन के संबंध में और बच्चों को आस-पास के गतिविधियों पर जागरुक रहने की आवश्यकता है। घटना से बचने के लिए भी सभी को जागरुक करना है। लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत यदि कोई भी 18 वर्ष के किसी लड़का-लड़की को छेड़ता है या लैंगिक अपराध करता है उसे पॉक्सो एक्ट में कड़े दण्ड के प्रावधान दिये गये हैं। हम सभी को अपने क्षेत्र में मानव व्यापार को भी रोकना है। इस हेतु पूर्व में सभी ग्राम पंचायतों में पलायन पंजी संधारित करने का निर्देश प्रत्येक ग्राम पंचायत को दिये गये है। पंचायतों का आप मानीटरिंग करें की सभी जगह यह हो रहा है कि नहीं हमारे गांव से बाहर काम पर जाने वालों को जानकारी इस पंजी में होनी चाहिए। कोई नाबालिक अपने गांव से बाहर काम के लिए ना जाये और यदि जाता है तो इसकी सूचना थाने में या अन्य विभागों को देनी चाहिए। ताकि हमारे सदस्यों को अवैध दत्तक ग्रहण को रोकने हेतु आह्वान किया गांव में लिखा-पढ़ी कर सभी एक दूसरे के बच्चों को गोद ले लेते है या वे देते है यह नहीं होना चाहिए अवैध दत्तक ग्रहण को रोकने के लिए कारा के गाईड लाईन के अनुसार दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया ऑनलाईन ही होना चाहिए। यदि किसी का अनचाहा बच्चा है तो उसे कहीं फेंके नहीं बल्कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं जिला अस्पताल में पालना केन्द्र बना हुआ है वहां बच्चों को डाले ताकि उसे सुरक्षित स्थान में भेजा जा सके। उन्होनें टोल फ्री चाईल्ड हेल्प लाईन नम्बर 1098 के बारे में भी बताया, बच्चों से संबंधित कोई भी समस्या हो तो आप 24 घण्टे एवं 7 दिन काम करने वाले उपरोक्त नम्बर पर फोन कर जानकारी दे सकेते हैं। समस्या का निराकरण हो जायेगा।
सभी जनप्रतिनिधियों से निवेदन है कि अपने क्षेत्र में बच्चों की समस्या के निराकरण के लिए तत्पर रहें और जागरुक रहें। हर बच्चा अनमोल है और सभी बच्चों की सुरक्षा हम सब की जिम्मेदारी है।
प्रशिक्षण के दौरान जिला अनिल सिन्हा जिला पंचायत लेखा अधिकारी, एलएन वर्मा, श्रीमति बी तिर्की संचालक समाज कल्याण, श्री शशी सिन्हा जिला समन्वयक, कृष्ण मोहन पाठक मनरेगा, मनिष सिंहा सभी उपस्थित थे।