सूरजपुर: जिला प्रशासन व श्रम विभाग द्वारा गढ़कलेवा सूरजपुर में अन्तर्राराष्ट्रीय मजदूर दिवस का कार्यक्रम खेल साय सिंह अध्यक्ष सरगुजा विकास प्राधिकरण व विधायक प्रेमनगर के मुख्य आतिथ्य एवं श्री पारसनाथ राजवाड़े संसदीय सचिव व विधायक भटगांव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। खेल साय सिंह ने कहा छत्तीसगढ़ के मुखिया ने श्रमिको एवं उनके परिवार की चिंता है और उनके सम्मान के लिए बहुत कुछ किया है। जिसका जीता जागता उदाहरण आज कार्यक्रम में श्रमिक बनारसी प्रसाद के मृत्यु पर उसके पुत्री राममती भैयाथान एवं श्रमिक देवकुमारी की मृत्यु पर उसके पुत्र आनन्द राम राजवाड़े रामानुजनगर को एक-एक लाख का चेक प्रदान किया है। नोनी सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत मजदूर की पुुत्री जिसने 18 वर्ष पूर्ण किया है, उन्हें शिक्षा प्रोत्साहन के लिए रानी भैयाथान सोनपुर एवं प्रतिमा रामानुजनगर पम्पापुर को 20-20 हजार का चेक, मेधावी छात्र-छात्रा को शिक्षा प्रोत्सहन योजना अन्तर्गत नर्सिंग की पढ़ाई हेतु कुमार श्वेता पुत्री धनेश्वरी को 42 हजार रूपये का चेक प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि आम मजदूरों को सम्मानित कर हम अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। आज हम सब ने बोरे बासी खाकर अपने बचपन याद किया है जिसका श्रेय मुख्यमंत्री जी को जाता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पारसनाथ राजवाड़े ने कहा कि आज मजदूर दिवस है। छत्तीसगढ़ में मजदूर पहले अपने समय में बचत करने के लिए और स्वास्थ्यगत कारण से शाम को चावल ज्यादा बनाकर उसे पानी में डूबा देते थे और सुबह पूरा परिवार बैठकर उस बासी भात को खाकर तथा उसके पानी के पीकर अपने खेत में काम करने चले जाते थे। आज मुख्यमंत्री जी ने जो बोरे बासी खाने का सिख दिया है वह जो निसंदेह धन्यवाद के पात्र हैं।

जिला पंचायत सीईओ श्री राहुल देव ने कहा कि मजदूरों की पहले काफी शोषण हुआ करती थी मजदूरों ने इस हेतु पूरे विश्व में संगठित होकर आंदोलन किया वह अपने अधिकार के लिए लड़ा जिसका परिणाम यह है कि आज मजदूरों से केवल 8 घंटे काम लिया जाता है। मजदूरों के सम्मान में आज हम मजदूर दिवस मनाने के लिए एकत्र है। मजदूरों को सम्मानित करना बहुत जरूरी है ताकि श्रम का सम्मान बना रहे। बोरे बासी खाकर आज इस दिन को हम त्यौहार के रूप में मना रहे है। बोरे बासी छत्तीसगढ़ में पारम्परिक रूप से मेहनतकशों के दैनिक भोजन का हिस्सा रहा है। बोरे बासी खाने की परम्परा बहुत पुराना है। बोरे बासी में सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। गर्मीं के दिनों में शरीर को ठंडक प्रदान करता है। उल्लेखनीय है कि बोरे बासी छत्तीसगढ़ की प्राचीन भोजन शैली हमारी संस्कृति की पहचान है। जिसे पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मजदूर दिवस को बोरे बासी दिवस के तौर पर आयोजित करने का आव्हान किया। जिसका अनुशरण करते हुए जिले के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों, आम नागरिकों, श्रमिको ने बोरे बासी खाकर श्रम का मान बढ़ाया है।

कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष के के अग्रवाल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश राजवाड़े, भगवती राजवाड़े अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी सूरजपुर, आरके ओझा, सुभाष गोयल, सुनील अग्रवाल बॉबी, श्रीमती उषा सिंह जिला पंचायत सदस्य, अश्वनी सिंह अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी सूरजपुर उपस्थित थे। सभी अतिथियों को स्वागत श्रम पदाधिकारी घनश्याम पाणिग्रही एवं श्रम निरीक्षको ने किया।

मजदूर दिवस के कार्यक्रम के पश्चात सभी को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के मंशानुसार बोरे बासी के कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सभी जनप्रतिनिधि, जिला अधिकारी, मजदूर, पत्रकार एक साथ बैठकर बोरे बासी खाया तथा इस कार्यक्रम को यादगार बना दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने किया। सभी जिला अधिकारी के साथ सखी वन स्टॉप सेंटर के विनिता सिन्हा, इण्डा चौबे, साबरिन फातिमा, चन्द्रा प्रजापति, बरखा बैरागी, चाइल्ड लाइन के कार्तिक, रमेश साहू, शोभनाथ एवं शीतल उपस्थित रहे।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!