सीतापुर/रूपेश गुप्ता: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर अपने 5 सूत्रीय माँगों के लिए सीतापुर विकासखंड के सभी विभाग के अधिकारी/ कर्मचारियों ने सरकारी कामकाज को ठप्प कर दिया। सरकार द्वारा कर्मचारियों के असल मुद्दों को नजरअंदाज करने का आक्रोश सभी कर्मचारियों अधिकारियों में दिखाई दिया। तहसील कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, जनपद कार्यालय,विकास खंड शिक्षा कार्यालय, व्यवहार न्यायालय पीएचई कार्यालय, आर ई एस कार्यालय,कृषि विभाग कार्यालय, पशु चिकित्सा विभाग कार्यालय सहित सीतापुर विकासखंड के लगभग सभी स्कूल एवम् शासकीय कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा ।
सीतापुर तहसील मुख्यालय में कर्मचारियों/अधिकारियों ने धरना, प्रदर्शन कर अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार की अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि को 5 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा गया। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के ब्लॉक संयोजक जगन बिशी, छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष उमेश मिश्रा, टीचर एसोसिएशन के ब्लॉक अध्यक्ष सुशील मिश्रा, शिक्षक संघ के तहसील अध्यक्ष कृष्णकुमार गुप्ता, लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के दिलीप कुजुर, कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के सचिव राकेश बैरागी, पशु चिकित्सा अधिकारी संघ के अध्यक्ष रितेश जायसवाल, उप अभियंता संघ के मनोज केवट , माध्यमिक प्रधान पाठक संघ के अध्यक्ष पुरुषोत्तम दास टांडिया , शिक्षक संघ के सह सचिव प्रदीप नागदेव प्राचार्य प्रदीप सोनी, क्रांतिकारी शिक्षक चिंटू खलखो, बजरंग भगत, हरि कीर्तन कास्ते आदि वक्ताओं ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि सरकार ने समय रहते हमारी पांच सूत्री मांगों को पूर्ण करने का निर्णय नहीं लिया तो 1 अगस्त 23 से अनिश्चितकालीन हड़ताल होना तय है। वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि कर्मचारियों को केन्द्र के समान सातवे वेतनमान में गृहभाड़ा भत्ता देना होगा। गौरतलब है कि अभी कर्मचारियों को छटवे वेतनमान में गृहभाड़ा भत्ता दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को केंद्र के समान देय तिथि से महँगाई भत्ता देने में सरकार आनाकानी कर रही है। सरकार ने पिंगुआ कमेटी का गठन किया लेकिन कर्मचारी संवर्गों का वेतन विसंगति निराकरण जैसे मुद्दों का समाधान आज पर्यन्त नहीं हुआ। जन घोषणा पत्र में अनियमित/संविदा/दैनिक वेतन भोगी/कार्यभारित/अन्य कर्मचारियों के नियमितीकरण का उल्लेख है।जोकि नहीं हुआ।
वहीं चार स्तरीय वेतनमान के मामले में भी सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं किया। उन्होंने बताया कि सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लागू जरूर कर दिया। लेकिन पेंशन हेतु प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना नहीं होने से योजना का व्यापक लाभ नहीं मिलेगा। तकनीकी पेंच के कारण शिक्षक (LB) संवर्ग सहित अन्य कर्मचारियों को पेंशन लाभ नहीं मिलेगा। पेंशन हेतु अहर्तादायी सेवा को 33 वर्ष के स्थान पर 30 वर्ष कर सरकार ने कर्मचारी अधिकारियों को अपमानित करते हुए उनके घाव पर नमक छिड़कने का काम किया है। शिक्षक एलबी संवर्ग के कर्मचारियों की प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर पूर्ण पेंशन हेतु पात्रता 20 वर्ष करने के माँग पर सरकार ने निर्णय नहीं लिया। जिसके कारण कर्मचारियों का आक्रोश काम बंद हड़ताल में दिखा है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के इस एकदिवसीय काम बंद हड़ताल में दूधनाथ सिंह, देवीदयाल चौधरी, शरद वर्मा, गणेश यादव, कलावती पैकरा, मुक्ति कुमार, दुर्गावती, कुसुम भगत, नीली ग्रेस एक्का, रीना सिंदराम, ज्योति ग्रेस टोप्पो, कौशल्या एक्का, मुन्नी बरवा, बालकी भगत, मेरी तिग्गा, शशिकिरण, कुसुम भगत, साइलस खलखो,रविशंकर कुजूर, श्रवण गुप्ता, महावीर लकड़ा, सुंदर राम पैकरा,बजरु कुजूर, कमल बारूद, मुरली पटेल, सरोज सिंह, सुनंदा सिंह, सूर्यकांत ठाकुर,सरवन,सिदार इलियास कुजुर, विजय कुमार पैकरा, रमेश सोनी, डीपी निराला, गौतम गुप्ता, सुरेश प्रसाद गुप्त, सुनील कुमार टोप्पो, विनोद टोप्पो,विजय सिंह पैकरा, विजय कुमार टोप्पो, विजय कुजुर, मुकेश कुमार पैकरा, अमित कुमार पैकरा, शारदा कांत द्विवेदी, परमेश्वर गुप्ता, बनवारी, महेश लकड़ा,निर्मल आदि उपस्थित थे।