अंबिकापुर: अंबिकापुर शहर के रिंग रोड स्थित भाथूपारा तालाब के अस्तित्व को बचाने के लिए गुरुवार को मोहल्लेवासियों के द्वारा कलेक्टर, महापौर, सभापति एवं आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर मांग किया गया कि भाथूपारा तालाब बहुत पुराना एवं जीवित तालाब है। जिसपर भू-माफियाओं की नजर पड़ने से इसके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नये तालाबों का निर्माण जल संरक्षण के लिए कराया जा रहा है लेकिन नगर निगम प्रशासन की लापरवाही एवं उदासीनता के कारण भाथूपारा तालाब जो जीवित है, जिसमें गर्मी में भी पानी रहता है, वर्ष भर सुखता नहीं है, ऐसे तालाब पर लगातार अवैध अतिक्रमण किया जा रहा है, जिससे तालाब का आकार और क्षेत्रफल लगातार छोटा और घटता जा रहा है, वर्तमान में भू-माफियाओं द्वारा लगातार मिट्टी पाटा जा रहा है। मोहल्लेवासियों के द्वारा जब भी इस अनैतिक कार्य पर आवाज उठायी जाती है। तब कुछ दिनों के लिए मिट्टी पाटना रोक दिया जाता है, कुछ दिनों बाद पुनः अवैध रूप से मिट्टी पाटना शुरू किया जाता है। इस अतिक्रमण पर स्थायी समाधान करने की आवश्यकता है। ज्ञापन में कहा गया कि भाथूपारा तालाब में अनेक धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक क्रियाकलाप किया जाता है, आसपास में उपरोक्त क्रियाकलापों को करने के लिए यही एकमात्र तालाब है, इस तालाब के नहीं रहने पर पूरे क्षेत्र के लोगों को अनेक प्रकार की परेशानी होगी।
ज्ञापन सौंपने आए भाजपा जिला मंत्री इन्दर भगत ने कहा कि भाथूपारा तालाब को बचाने के लिए पहले भी कई बार मांग किया गया है, लेकिन नगर निगम के उपेक्षा के कारण प्राकृतिक जलस्रोत पर संकट मंडरा रहा है, आज नगर के ज्यादातर तालाबो की यही स्थिति है, बस स्टैंड तालाब एवं अन्य तालाबों की ओर ध्यान नहीं देने से अवैध अतिक्रमण, कचड़ा होने के कारण उपलब्ध जल दैनिक उपयोग के लायक नहीं बचे हैं। जमीन का जल स्त्रोत नीचे जा रहा है, ऐसे परिस्थिति में तो तालाबों की ओर और ज्यादा ध्यान देकर इसको संरक्षित और संवर्धित किया जाना चाहिए ताकि अंबिकापुर शहर में भविष्य में जलसंकट की समस्या न खड़ी हो।
ज्ञापन सौंपने वालों में दुर्गाशंकर दास, उमेश्वर प्रजापति, सत्यम साहू , सालिम केरकेट्टा, उमेश किस्पोट्टा, अवधेश केरकेट्टा, शिव तिर्की, बबलू दास, रोहित केरकेट्टा, अंजू एक्का, अमरेश साहू, आशीष यादव, सुमेश्वर सिंह, भोलू प्रजापति आदि उपस्थित रहे।