नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव बाद देश के करोड़ों लोग अपनी जेब ढीली करने को तैयार रहें. मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाने की पूरी तैयारी कर ली है. इसका सीधा मतलब है कि चुनावों के बाद मोबाइल रिचार्ज कराना महंगा हो जाएगा. कंपनियों ने इसकी पूरी तैयारी भी कर ली है और यह भी तय कर लिया है कि इस बार कितना पैसा बढ़ाया जाए.
हाल में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आम चुनाव के बाद दूरसंचार उद्योग में 15-17 प्रतिशत शुल्क बढ़ोतरी का अनुमान है. देश में 19 अप्रैल से एक जून तक 7 चरणों में आम चुनाव होंगे. 4 जून को मतगणना की जाएगी. एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग की इस रिपोर्ट के अनुसार, दूरसंचार क्षेत्र में शुल्क वृद्धि काफी दिनों से पेंडिंग है और ऐसा माना जा रहा कि चुनावों के बाद इसमें बढ़ोतरी तय है. इसका सबसे ज्यादा लाभ भारती एयरटेल को होगा.
रिपोर्ट में कहा गया कि हमें उम्मीद है कि चुनाव के बाद उद्योग 15-17 प्रतिशत शुल्क बढ़ोतरी करेगा. आखिरी बार दिसंबर, 2021 में शुल्क में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी. इसका मतलब है कि करीब 3 साल बाद टैरिफ में बढ़ोतरी की जाएगी. 17 फीसदी बढ़ोतरी का मतलब है कि अगर 300 का रिचार्ज अभी कराते हैं तो बढ़ोतरी के बाद यह 351 रुपये का हो जाएगा.
भारत की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी एयरटेल के लिए प्रति ग्राहक औसत कमाई (एआरपीयू) का खाका पेश करते हुए ‘ब्रोकरेज नोट’ में कहा कि कंपनी का मौजूदा एआरपीयू 208 रुपये है, जो वित्त वर्ष 2026-27 के अंत तक 286 रुपये तक पहुंचने की संभावना है. रिपोर्ट में कहा गया, ‘हमें उम्मीद है कि भारती एयरटेल का ग्राहक आधार प्रति वर्ष करीब दो प्रतिशत की दर से बढ़ेगा, जबकि उद्योग में प्रति वर्ष एक प्रतिशत की वृद्धि होगी.’
रिपोर्ट में कहा गया कि वोडाफोन आइडिया की बाजार हिस्सेदारी सितंबर, 2018 के 37.2 प्रतिशत से घटकर दिसंबर, 2023 में करीब आधी यानी 19.3 प्रतिशत रह गई है. भारती की बाजार हिस्सेदारी इस दौरान 29.4 प्रतिशत से बढ़कर 33 प्रतिशत हो गई है. जियो की बाजार हिस्सेदारी इस दौरान 21.6 प्रतिशत से बढ़कर 39.7 प्रतिशत हो गई है.’