कोरबा। प्रदेश में आकस्मिक ब्लैक आउट होने की स्थिति में ताप विद्युत गृहों को पुनर्संचालित करने हेतु हसदेव बांगो जल विद्युत गृह से स्टार्ट अप पॉवर सप्लाई करने संबंधी एक मॉकड्रिल (पूर्वाभ्यास) छत्तीसगढ़ स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर में सफलतापूर्वक किया गया। पॉवर कंपनी के फील्ड में तैनात कर्मचारियों एवं अभियंताओं द्वारा तत्परतापूर्वक दूसरी लाईन को आईलैण्डेड स्कीम में शामिल करते हुए कोरबा – पश्चिम के संयंत्रों को शुरू करने हेतु 1 घंटा 24 मिनट में बांगो जल विद्युत संयंत्र से बिजली पहुंचायी गयी।
गौरतलब है कि अचानक ब्लैक आऊट होने की स्थिति में पावर प्लांटों को फिर से स्टार्ट करना कठिन होता है, इसके लिए तुरंत बिजली की आवश्यकता पड़ती है, जिसकी तत्काल आपूर्ति जल विद्युत संयत्रों से ही हो सकती है। यह मॉकड्रिल छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी की प्रबंध निदेशक उज्जवला बघेल तथा जनरेशन कम्पनी के प्रबंध निदेशक एस के कटियार की विशेष उपस्थिति एवं कुशल मार्गदर्शन में 11 अगस्त 2023 को डंगनिया मुख्यालय स्थित लोड डिस्पैच सेंटर में किया गया।
इस “ब्लैक स्टार्ट मॉकड्रिल (पूर्वाभ्यास) की माॅनिटरिंग मुंबई स्थित वेस्टर्न रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर के एक्सपर्ट इंजीनियर स्काडा सिस्टम से कर रहे थे। इंडियन इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड कोड और स्टेट ग्रिड कोड के प्रावधानों के अनुसार साल में दो बार इस तरह का मॉकड्रिल करना होता है। इस दौरान डंगनिया स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर में कार्यपालक निदेशक आर के शुक्ला, डीके चावड़ा, केएस मनोठिया, ए के वर्मा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता शारदा सोनवानी, गिरीश गुप्ता तथा जनरेशन कंपनी के कार्यपालक निदेशक एमएस कंवर एवं उनकी टीम उपस्थित थे।
राज्य भार प्रेषण केन्द्र के नियंत्रण कक्ष में अधीक्षण अभियंता संजय चौधरी, अभिषेक जैन, कार्यपालन अभियंता जी पी सिंह, सुदेशना पाल, प्रेम देवांगन तथा ड्यूटी पर उपस्थित मनोज रावटे व सहायक अभियंता प्रेम जायसवाल, केतन मिश्रा, विन्ध्याचल गुप्ता,जुवेना गोम्स, रेखा शर्मा, संदीप देवांगन, कनिष्ठ अभियंता शुभम घोरे एवं तकनीकी सहायक दिनेश विश्वकर्मा आदि का मॉकड्रिल को सम्पन्न कराने में सक्रिय एवं महत्वपूर्ण भूमिका रही ।
इसी तरह बांगो जल विद्युत संयंत्र के अधीक्षण अभियंता ओ पी पाण्डेय एवं उनकी टीम, कोरबा पश्चिम में अधीक्षण अभियंता एस करकरे एवं उनकी टीम, पारेषण संकाय से कोरबा पूर्व, जमनीपाली, छुरीखुर्द एवं खरमोरा विद्युत उपकेन्द्रों से अधीक्षण अभियंता डी एस पटेल एवं उनकी टीम, वितरण संकाय से कार्यपालन अभियंता अनुपम सरकार एवं उनकी टीम का कोरबा पूर्व जमनीपाली एवं छुरीखुर्द तथा संचार एवं टेलीमीटरी संकाय से कार्यपालन यंत्री जे एल उरांव एवं उनकी टीम की सक्रिय भूमिका इस मॉकड्रिल को सम्पन्न कराने में रही है ।
ऐसे पूरी हुई मॉकड्रिल की प्रक्रिया-
मॉक ड्रिल के दौरान सर्वप्रथम बांगो जल विद्युत गृह छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा पूर्व के उपकेन्द्रों से फीड होने वाले क्षेत्रों को मिलाकर एक आईलैण्ड सब सिस्टम बनाया गया। इसके पश्चात् इस आईलैण्ड सब सिस्टम में ब्लैक आउट की स्थिति निर्मित की गई। इस तरह एक बनावटी बिजली संकट छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा क्षेत्र में निर्मित किया गया। इसके पश्चात् इजीनियरों की टीम ने युद्धस्तर पर बिजली सकट क्षेत्र में बिजली बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ की। इसके लिये बांगो में उपलब्ध डीजल जनरेटर सेट से बंद जल विद्युत इकाई कमांक 3 को सर्विस में लेकर बांगो उपकेन्द्र के बस को चार्ज किया गया और वहां उत्पादित बिजली को 132 केव्ही लाईनों के माध्यम से छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा पूर्व 132 केव्ही उपकेन्द्रों तक क्रमशः पहुंचाया गया और पूर्व निर्धारित 33/11 केव्ही विद्युत फीडरों को एक के बाद एक चालू कर बांगों की जल विद्युत इकाई से करीब 23 मेगावाट लोड लिया गया । इसके पश्चात् आईलैण्ड सब-सिस्टम की फ्रिक्वेन्सी एवं वोल्टेज को मॉनीटर करते हुए बांगो जल विद्युत गृह की सप्लाई को कोरबा पश्चिम ताप विद्युत गृह तक पहुंचाया गया। इस पूरी प्रक्रिया में 1 घण्टा 24 मिनट का समय लगा।