नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने लोगों के अपने घर के सपने को पूरा करने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है. जिनमें से सबसे प्रमुख है- प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण. इस योजना की शुरुआत मोदी सरकार ने साल 2016 में 1 अप्रैल को की थी. इस योजना के तहत 2.95 करोड़ मकानों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है और अभी तक सरकार ने 2.50 करोड़ मकानों का निर्माण पूरा कर लिया. मोदी सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक 31 मार्च, 2024 की निर्धारित समय सीमा तक 2.95 करोड़ पक्के घरों के निर्माण के टारगेट को हासिल कर लिया जाएगा.
बता दें कि केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना के पात्र लोगों को पक्के मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता देती है. आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार योजना के तहत घर मैदानी इलाके में बनाया गया है तो सरकार की तरफ से स्वीकृत राशि 1.2 लाख रुपये है और अगर पहाड़ी क्षेत्रों में घर बनाया गया है कि 1.3 लाख रुपये है.
इसके अलावा वित्तीय सहायता के साथ ही लाभार्थी को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, (मनरेगा) के तहत 90 दिनों का रोजगार भी दिया जाता है. योजना के तहत शौचालय निर्माण के लिए अतिरिक्त 12000 रुपये की पेशकश की जाती है. पिछले पांच साल यानी कि वित्तीय वर्ष 2018-19 से लेकर 2022-23 के दौरान इस योजना के तहत आवासों के निर्माण के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जारी की गई केंद्रीय हिस्सेदारी की रकम करीब 1,60,853.38 करोड़ रुपये थी.
बता दें कि पीएमएवाई-जी के तहत केंद्रीय सहायता राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को एक इकाई मानकर सीधे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को जारी की जाती है. विभिन्न जिलों/ब्लॉकों/ग्राम पंचायतों में लाभार्थियों को ये धनराशि जारी करने का काम संबंधित राज्य सराकर/केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन द्वारा किया जाता है.